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राजस्थान के वनों से संबंधित टॉप 80 महत्वपूर्ण प्रश्‍न (Rajasthan ki Vanaspati Mcq Questions) | rajasthan ki van sampada quiz

Q.21 निम्नलिखित में से कौनसा पौधा राजस्थान घर-घर ओषधि योजना में शामिल नहीं है – (VDO Mains 2022)

  1. अश्वगंधा
  2. मूसली 
  3. गिलोय
  4. कालमेघ

Ans.  2. मूसली 

Short Notes
घर-घर औषधि योजना में शामिल 4 पौधे – तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय और कालमेघ
पंचकूटा में शामिल 5 सब्जियां – केर-सांगरी, कुमटी, बबूल फली, गूंदा या कमलगट्‌टा और साबुत लाल मिर्च    

Q.22 ‘बा बापू पौधरोपण योजना’ की शुरुवात कब की गई – 

  • 5 जुलाई 2021 
  • 2 अक्टूबर 2019  
  • 23 मार्च 2022 
  • 16 अगस्त 2022 

Ans.  5 जुलाई 2021 
Exp. –   इस योजना के द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।  

Short Notes
कुछ अन्य योजनाएं 
हरित राजस्थान योजना – 18 जून 2009 को 
इको टूरिज़्म पॉलिसी – 22 फरवरी 2010 को 
समन्वित ग्रामीण वनीकरण समृद्धि योजना – 2001-02 में 
जनता वन योजना – 21 मार्च 1996 को
मरुस्थल वृक्षारोपण कार्यक्रम – 1978 में 
सामाजिक वानिकी योजना – 1985-86 में 

Q.23 राजस्थान में सर्वाधिक ऊँचाई पर पाये जाने वाले वन है ?

  1. सागवान 
  2. सालर
  3. टिक 
  4. बाँस  

Ans.  2. सालर
Exp. –  राजस्थान में सर्वाधिक ऊँचाई ( 450 मीटर से अधिक) पर पाये जाने वाले वन सालर (सखुआ) वन है। इसका वानस्पतिक नाम Shorea Robusta है। यह छत्तीसगढ़ व झारखण्ड का राज्य वृक्ष है।   

Q.24 राजस्थान के दक्षिणी भाग में 250 से 450 मी. की ऊंचाई पर सर्वाधिक संख्या में पाये जाने वाले वृक्ष है – (LDC 2018)

  1. सागवान 
  2. पलाश 
  3. धोकड़ा 
  4. सालर 

Ans.  1. सागवान 
Exp. –  राजस्थान में सालर वृक्ष 450 मीटर से अधिक ऊंचाई पर तथा सागवान (Teak) 250 से 450 मी. की ऊंचाई पर पाए जाते है।  

Q.25 राजस्थान में सागवान के सर्वाधिक वृक्ष किस जिले में पाये जाते है?

  1. बांसवाड़ा 
  2. डूंगरपुर 
  3. उदयपुर 
  4. चितौड़गढ़

Ans.  1. बांसवाड़ा  

Q.26 भारत में सागवान के उत्पादन का निरंतर ह्रांस हो रहा है। राजस्थान में सागवान के वृक्षारोपण हेतु अधिक उपयुक्त जिले है – (Librarian 2016)

  1. गंगानगर – बीकानेर – बाड़मेर 
  2. अजमेर – जयपुर – भरतपुर 
  3. बाँसवाड़ा – डूंगरपुर – उदयपुर 
  4. कोटा – बूंदी – झालावाड़ 

Ans.  3. बाँसवाड़ा – डूंगरपुर – उदयपुर 
Exp. –  राजस्थान में सागवान (Teak) 250 से 450 मी. की ऊंचाई पर पाए जाते है। सागवान के वृक्ष मुख्यत: बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चितोड़गढ़, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में पाये जाते है। सागवान के फूल वर्षा ऋतु में आते है। 

Q.27 निम्न में से सालर वन किस जिले में नहीं पाये जाते है – (कृषि अधिकारी 2021)

  1. अलवर 
  2. सिरोही
  3. कोटा 
  4. उदयपुर 

Ans.  3. कोटा 

Q.28 सालर के वन वितरित है – (Librarian 2016)

  1. भरतपुर, दौसा, सीकर, और नागौर जिलों में 
  2. टोंक, सवाई माधोपुर और धौलपुर जिलों में 
  3. कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में 
  4. अलवर, उदयपर, सिरोही और अजमेर जिलों में

Ans.  4. अलवर, उदयपर, सिरोही और अजमेर जिलों में
Exp. – राजस्थान में सालर वृक्ष 450 मीटर से अधिक ऊंचाई पर अलवर, राजसमंद, चितौड़गढ़, पाली, सिरोही, उदयपुर और अजमेर जिलों में पाये जाते है। 

Q.29 बाँस मुख्यत: कहाँ पाया जाता है ? (कनिष्ठ अनुदेशक वेल्डर 2019)

  1. उदयपुर 
  2. अजमेर 
  3. प्रतापगढ़ 
  4. बारां 

Ans.  1. उदयपुर 
Exp. – बाँस को ‘आदिवासियों का हरा सोना’ कहते है। बाँस राजस्थान में मुख्यत: बांसवाड़ा, उदयपुर, चितौड़गढ़, कोटा, सिरोही और भरतपुर जिलों में पाया जाता है। बाँस का वानस्पतिक नाम Bambusa Vulgaris है। अगरबत्ती व स्टीक बनाने में मुख्यत: बाँस की लकड़ी का use किया जाता है। 

Q.30 निम्न में से कौन से जिलों का युग्म राजस्थान में ‘कत्था’ (अकेसिया कटेचु) का मुख्य उत्पादक है –(कॉलेज व्याख्याता 2016)

  1. उदयपुर और चितौड़गढ़ 
  2. भरतपुर व अलवर 
  3. बाँसवाडा और बारां 
  4. सीकर और हनुमानगढ़ 

Ans.  1. उदयपुर और चितौड़गढ़ 
Exp. – खैर वृक्ष के तने की छाल से कत्था कैथोडी जाति द्वारा हांड़ी प्रणाली से तैयार किया जाता है। खैर वृक्ष राजस्थान के दक्षिणी पठारी भाग में मुख्यत: उदयपर, चितौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, भरतपुर और जयपुर जिलों में पाये जाते है। इसका वानस्पतिक नाम ‘ऐनेसिया केपू’ है। 

Q.31 राजस्थान में खैर वनीय क्षेत्र पाए जाते हैं – (व्याख्यता आयुर्वेद विभाग-2021) 

  1. बीकानेर – बाड़मेर
  2. कोटा – सवाई माधोपुर 
  3. जालौर – सिरोही 
  4. अजमेर – भीलवाड़ा

Ans.  2. कोटा – सवाई माधोपुर 

Q.32 महुआ के वृक्ष मुख्यत: कौनसे जिले में पाये जाते है – 

  1. राजसमंद  
  2. डूंगरपुर 
  3. भीलवाड़ा 
  4. कोटा 

Ans.  2. डूंगरपुर 
Exp. – दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी भील महुआ का उपयोग तेल निकालने व देशी शराब (मावड़ी) बनाने में करते है, इसलिए इसे ‘आदिवासियों का कल्पवृक्ष’ भी कहते है। महुआ वृक्ष मुख्यत: डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, चितौड़गढ़, और झालावाड़ जिलों में पाये जाते है। इसका वानस्पतिक नाम ‘मधुका लोन्गिफोलिया’ है। महुआ के फूल ग्रीष्म ऋतु में प्रातकाल: से दोपहर तक आते है।     

Q.33 शीशम का वृक्ष मुख्यत: किस जिले में पाया जाता है – 

  1. अलवर 
  2. बीकानेर 
  3. उदयपुर 
  4. गंगानगर 

Ans.  4. गंगानगर 

Q.34 सुमेलित कीजिए – (JEN विद्युत् डिग्री 2020)

1.सालर वन      (a) बाँसवाड़ा 
2.ढाक वन    (b) सिरोही 
3.सदाबहार वन (c)चितौड़गढ़ 
4.शुष्क सागवान वन (d)अलवर 

  • 1-d, 2-c, 3-b, 4-a
  • 1-c, 2-b, 3-a, 4-d
  • 1-b, 2-c, 3-a, 4-d
  • 1-a, 2-d, 3-b, 4-c

Ans.  1-d, 2-c, 3-b, 4-a

Short Notes 
वनों के प्रकार       संबंधित जिले
सागवान – बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चितोड़गढ़, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में
सालर – अलवर, राजसमंद, चितौड़गढ़, पाली, सिरोही, उदयपुर और अजमेर 
बाँस – बांसवाड़ा, उदयपुर, चितौड़गढ़, सिरोही, कोटा और भरतपुर
खैर – उदयपर, चितौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, भरतपुर और जयपुर
तेंदू – झालावाड़, कोटा, बूंदी, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और चितोड़गढ़  
महुआ – डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, चितौड़गढ़, और झालावाड़ 
पलाश/ढाक  – सवाई माधोपुर, अलवर, राजसमंद, चितौड़गढ़, जयपुर और टोंक
चन्दन वन  – राजसमंद, सिरोही
धोकड़ा वन – करौली
शीशम – गंगानगर  
खस घास – भरतपुर, सवाईमाधोपुर, टोंक
सेवण (लीलोण) घास – जैसलमेर (मरू राष्ट्रीय उद्यान), बाड़मेर 
धामण घास – बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर और जैसलमेर 
बुर घास – बीकानेर
मोथा घास – भरतपुर 
गाजर घास – जयपुर   
जामुन – माउन्ट आबू 
हींग – प्रतापगढ़ 

Q.35 राजस्थान सरकार द्वारा पहली वन नीति की स्वीकृति कब दी गई ? (RAS 2016)

  1. फरवरी, 2010 
  2. मार्च, 2021 
  3. अगस्त, 2010 
  4. सितम्बर, 2011 

Ans.  1. फरवरी, 2010 
Exp. – राजस्थान 18 फरवरी, 2010 को वन एव पर्यावरण निति घोषित करने वाला देश का पहला राज्य है। इस नीति के तहत राजस्थान के सम्पूर्ण भू-भाग के 20% भाग को वृक्षाच्छदित करने का लक्षय रखा गया। 

Q.36 राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता परियोजना की शुरुवात कब की गई थी – 

  1. 1993
  2. 1999
  3. 2003
  4. 2010

Ans.  3. 2003
Exp. – ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता परियोजना’ अप्रैल 2003 से जापान की आर्थिक सहायता कंपनी JICA के सहयोग से शुरू की गई थी, जिसका प्रथम चरण 2008 में पूरा हुआ। इस योजना के द्वितीय चरण का कार्यकाल 2011 से 2019 तक रहा, जिसे 2 वर्ष तक और बढाकर 2021 तक किया गया।   

Q.37 निम्नलिखित में से कौन सा ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता परियोजना’ का उद्देश्य नहीं है – (कॉलेज व्याख्याता 2016)

  1. वृक्षारोपण
  2. जैव विविधता संरक्षण 
  3. बाढ़ नियंत्रण 
  4. जल संरक्षण  

Ans.  3. बाढ़ नियंत्रण 
Exp. –  ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता परियोजना’ का द्वितीय चरण 2011-12 से राजस्थान के 10 मरुस्थलीय जिले, 5 गैर मरुस्थलीय जिले और 7 वन्य जीव सरंक्षित क्षेत्रों में JICA के सहयोग से शुरू किया गया। इस योजना का अंतर्गत वृक्षारोपण, जैव विवधता संरक्षण तथा भू-जल संरक्षण कार्यो के अतिरिक्त गरीबी उन्मूलन व आजीविका संवर्धन के कार्य भी किये जायेंगे।    

Q.38  ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता योजना’ (2011-19) निम्न में से किससे संबंधित नहीं है – (संरक्षण अधिकारी 2019)

  1.  वृक्षारोपण
  2. आजीविका संवर्धन
  3. जैव विवधता संरक्षण
  4. सिंचाई विकास 

Ans.  4. सिंचाई विकास 

Q.39 ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता संरक्षण परियोजना’ (RABCP) को भारत सरकार द्वारा 3 जून 2020 को स्वीकृति दी गई, यह योजना राजस्थान के कितने जिलों में लागू की गई है –

  • 12
  • 14
  • 16
  • 19

Ans.  19
Exp. – ‘राजस्थान वानिकी एव जैव विविधता संरक्षण परियोजना’ (Rajasthan Afforestation and Biodiversity Conservation Project (RABCP)को 2020 में जापान की आर्थिक सहायता एजेंसी JICA  द्वारा राजस्थान के 19 जिलों में शुरू किया गया है। ये 19 जिले हैं – जयपुर, अजमेर,  जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, जालौर,  चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सीकर, झुंझुनू, चूरू, नागौर, पाली, सिरोही, राजसमंद और उदयपुर। 

Q.40 ‘राजस्थान वानकी व जैव विविधता विकास परियोजना’ (RFBDP) राजस्थान के कितने जिलों में शुरू की गई है – 

  • 10
  • 13
  • 16
  • 18

Ans.  13
Exp. – ‘राजस्थान वानकी व जैव विविधता विकास परियोजना’ (Rajasthan Forestry & Biodiversity Development Project) (RFBDP) पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में फ्रांस आर्थिक सहायता एजेंसी AFD के सहयोग से शुरू की गई है।  ये 13 जिले है – अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, जयपुर, दौसा, भीलवाड़ा और टोंक 

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