धरती पर पानी समान रूप से वितरित नही है। जहाँ पानी की अधिकता है, वहाँ पानी को एकत्रित करने के लिए बांध बनाये जाते है और जहाँ पानी की कमी है, वहाँ बांध और नहरों से पानी पहुँचाया जाता है। बांध का उपयोग नदियों और झीलों के पानी को रोकने, पानी के बहाव से बिजली पैदा करने और बाढ़ नियंत्रण के लिया किया जाता है।
राजस्थान एक शुष्क राज्य है, यहाँ वर्षा में अनिश्चिता रहती है। राजस्थान में कई बार वर्षा अधिक मात्रा में हो जाती है, जिसके कारण पानी को रोकने के लिए मजबूत बांधो की आवश्यकता होती है, तो वहीं दूसरी और वर्षा कम होने पर सूखा पढ़ने की नौबत आ जाती है, इस स्थिति में शुष्क इलाको में पानी नदियों पर बांध बनाकर नहरों द्वारा पहुँचाया जाता है। राजस्थान में बांधो के प्रकार में ग्रेविटी बांध, बेसमेंट बांध और मिट्टी के बांध पाये जाते है। यहाँ राजस्थान के कुछ प्रमुख बांधो की जानकारी दी गई है, साथ में उनकी PDF भी उपलब्ध कराई गई है।
राजस्थान के प्रमुख बांध
वैसे तो राजस्थान में 700 से अधिक छोटे- बड़े बांध है, जो केवल वर्षा काल में ही पानी से भरते है। यहाँ प्रतियोगिता परीक्षा की दृष्टि से राजस्थान के कुछ प्रमुख बांधो की जानकारी दी जा रही है।
गांधीसागर बांध –
गाँधी सागर बांध राजस्थान में नहीं है, बल्कि राजस्थान की सीमा पर स्थित चौरासीगढ़ से 8 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के मानपुर-भानपुरा पठारों के मध्य स्थित है। यह बांध चंबल नदी घाटी परियोजना के प्रथम चरण में सन 1959 ई में बनाया गया था। 1960 ई में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया था। गांधी सागर बांध की ऊंचाई 62 मीटर है।
1960 में ही गांधी सागर बांध पर 5 छोटी-छोटी विधुत इकाइयां (प्रत्येक 23 MW की) बनाई गई थी। जिनसे कुल 115 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जाता है। ध्यान रहे यह बांध राजस्थान की किसी भी जिले में स्थित नहीं है। यह बांध चंबल नदी के उद्गम स्थल की ओर से पहले नंबर का बांध है।
राणाप्रताप सागर बांध –
यह बांध भराव क्षमता की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है। यह बांध 1100 मीटर लंबा व 36 मीटर ऊंचा बांध है। इस बांध के जल का फैलाव 113 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 3.1 लाख हेक्टेयर मीटर जल आ सकता है। यह बांध चंबल नदी घाटी परियोजना के द्वितीय चरण में 1960 से 1970 तक बनकर तैयार हुआ था।
राणा प्रताप सागर बांध के ऊपर कनाडा की सहयोग से राजस्थान का प्रथम व देश का दूसरा परमाणु विद्युत ग्रह है (प्रथम तारापुर, महाराष्ट्र में बनाया गया है)। इसे ‘राजस्थान एटॉमिक पावर स्टेशन’ कहा जाता है। वर्तमान में यहाँ 6 इकाई कार्यरत है तथा 2 इकाइयां निर्माणधिन है। यहाँ भारी पानी का उपयोग होता है।
जवाहर सागर बांध –
इसे सामन्यत: कोटा डैम भी कहते हैं, क्योंकि यह मुख्यतः कोटा जिले में स्थित है। इस बांध को चम्बल नदी घाटी परियोजना के तहत तीसरे चरण के तहत 1962 से 1972 तक बनाया गया था। यह बांध राणा प्रताप सागर बांध (चित्तौड़गढ़) से 33 किलोमीटर दूर कोटा जिले के बोरावास गांव के समीप स्थित है।
इस बांध की लंबाई 335 मीटर तथा ऊंचाई 25 मीटर है। जवाहर सागर बांध एक पिकअप बांध है। जवाहर सागर बांध के पास चंबल नदी कोटा व बूंदी जिलों की सीमा बनाती है अर्थात बांध का दाया किनारा कोटा जिले में और बायाँ किनारा बूंदी जिले में आता है।
कोटा बैराज –
इस बांध का निर्माण चंबल नदी घाटी परियोजना के प्रथम चरण के तहत 1953 में शुरू किया गया था, जो 1960 में बनकर तैयार हुआ। यह बांध जवाहर सागर बांध से 16 किलोमीटर आगे कोटा शहर के समीप स्थित है।
इस बांध के निर्माण का मुख्य उद्देश्य चंबल नदी के पानी को इकट्ठा कर चंबल नदी के बहाव क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है। इसी कारण इस बांध को ‘कोटा सिंचाई बांध’ भी कहते हैं। यह चंबल नदी पर स्थित एकमात्र बांध है, जिससे सिंचाई की जाती है। इस बांध का कैचमेंट एरिया (फैलाव) सभी बांधों में सर्वाधिक है। इस बांध से कुल 8 नहरे निकली गई है, जिनमें से 2 नहरे कोटा में तथा 6 नहरे बाराँ जिले में जाती है।
जवाई बांध –
यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है। जवाई बांध का निर्माण पाली जिले में एरिनपुरा रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर सुमेरपुर के पास लूनी नदी की सहायक नदी जवाई नदी पर जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा 13 मई 1946 को किया गया था। इस बांध के इंजीनियर एडगर व फर्गुसन थे। उम्मेद सिंह की मृत्यु के बाद हनुमत सिंह तथा राजस्थान गठन के बाद 1956 में मोती सिंह की देखरेख में इस बांध का निर्माण कराया गया।
जवाई बांध से जोधपुर व पाली जिले को पेयजल की सुविधा तथा जालौर व पाली को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसलिए इसे ‘मारवाड़ का अमृत सरोवर’ भी कहते हैं। उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सेई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ी में 7 किलोमीटर लंबी सुरंग तैयार कर, सर्वप्रथम 7 अगस्त 1977 में पानी डाला गया था।
पांचना बांध –
यह राजस्थान का मिट्टी से बनाया गया सबसे बड़ा बांध है। इसे अमेरिका के सहयोग से राजस्थान के करौली जिले में गुडला गाँव के पास गंभीरी नदी की सहायक नदियों भद्रावती, अटा, बरखेड़ा, माची व भसावट नदियों के संगम पर मनाया गया है।
बीसलपुर बांध –
यह बाँध टोंक जिले के राजमहल (टोडारायसिंह) में बनास, खारी और डाई नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित है। यह राजस्थान का एकमात्र कंक्रीट से बना बाँध है। बीसलपुर बांध परियोजना से टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा और जयपुर जिलों को जलापूर्ति होती है। बीसलपुर बांध में पानी की आवक बढ़ाने के लिए ब्राह्मणी-बनास परियोजना शुरू की गई है।
बंद बरेठा बांध –
यह भरतपुर का सबसे बड़ा बांध है। इस बांध की बनावट जहाजनुमा है। इस बाँध का निर्माण 1897 में रामसिंह के समय कुकुन्द नदी पर कराया गया था।
जाखम बांध –
यह राजस्थान का सबसे ऊँचा बाँध (81 मी) है। यह प्रतापगढ़ के अनूपपुरा गांव के पास स्थित है। इसका शिलान्यास 14 मई 1968 को मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया ने किया था।
मेजा बांध –
इस बांध का निर्माण भीलवाड़ा में मांडलगढ़ के पास कोठारी नदी पर किया गया है। इस बांध पर बनाए गए मेजा पार्क को ग्रीन माउंट के नाम से जाना जाता है।
कुछ अन्य बांध
बांध | जिला | अन्य जानकारी |
रामगढ़ बांध | जयपुर | यह बांध बाणगंगा नदी पर बनाया गया है। |
कानोता बांध | जयपुर | यह राजस्थान का सर्वाधिक मछली बीज उत्पादक बाँध है। |
सकरा बांध | अलवर | इस बांध से अरावरी नदी का उद्गम होता है। |
टोरडी सागर बांध | टोंक | इस बांध की सभी मोरिया (गेट) खोलने पर बांध में एक बूंद भी पानी शेष नहीं रहता। |
बुद्ध/शुद्ध सागर | टोंक | इसके पास में संत पीपा की गुफा स्थित है। |
मंगलसर बाँध | अलवर | यह बांध सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास है। |
अलसीगढ़/देवास बांध | उदयपुर | यह बांध मानसी वाकल बांध के पास है। |
जग्गर बांध | करौली | |
भूपाल सागर बांध | चितौड़गढ़ | |
रूपारेल बांध | चितौड़गढ़ | |
ओराई बांध | चितौड़गढ़ | |
नाकोड़ा बांध | बाड़मेर | |
उर्मिला सागर बांध | धौलपुर | |
सैंथल सागर बांध | दौसा | |
कालखोह बांध | दौसा | |
कालख सागर बांध | दौसा | |
गलाई सागर बांध | सवाई माधोपुर | |
बिनोरी सागर बांध | सवाई माधोपुर | |
चिकलवास बांध | राजसमन्द | |
जाडला बांध | कठूमर (अलवर) | |
ओरा टैंक बांध | सिरोही | |
कोदरा बांध | सिरोही | |
अणगौर (आगोर) बांध | सिरोही | |
सूरवाल बांध | सवाई माधोपुर | |
सोनियाना बांध | चित्तौड़गढ़ | |
सुरवानिया बांध | बांसवाड़ा | |
नाकोड़ा बांध | बाड़मेर में | |
सावन-भादो बांध | कोटा | |
खारी बांध | आसींद (भीलवाड़ा) | |
कहाणा बांध | बांसवाड़ा | |
शाही बांध | भरतपुर | |
भंवर समंद बांध | प्रतापगढ़ | |
जयसमंद बांध | अलवर | |
नेवटा बांध | जयपुर (भांकरोटा में ) | |
रेनी बांध | अलवर | |
सालगाँव बांध | सिरोही | |
सेलवाड़ा बांध | सिरोही |
राजस्थान के प्रमुख बांध PDF 👇
कौन सा बांध किस नदी पर स्थित है –
बांध | नदी |
मदार बांध | आयड़ नदी (उदयपुर में) |
मेजा बांध | कोठारी नदी (बूंदी में) |
कसोटिया बांध | गोमती नदी (उदयपुर में) |
लसाडिया बांध | डाई नदी (अजमेर में) |
सरेरी बाँध | मान्सी नदी (भीलवाड़ा में) |
लालपुर बांध | बाणगंगा नदी (भरतपुर में) |
अजान बांध | बाणगंगा नदी (भरतपुर में) |
रामगढ़ बांध | बाणगंगा नदी (जयपुर में) |
आलनिया बांध | चम्बल नदी (कोटा में ) |
पार्वती बांध | पार्वती-II नदी (धौलपुर में) |
नारायण सागर | खारी नदी (अजमेर में) |
हरीश चंद्र बांध | कालीसिंध नदी (झालावाड़ में) |
भीमसागर बांध | उजाड़ नदी (झालावाड़ में) |
ईसरदा बांध | बनास नदी (सवाई माधोपुर में) |
मोरेल बांध | मोरेल नदी (सवाई माधोपुर में) |
हेमावास बांध | बांडी नदी (पाली में) |
सकरा बांध | अरावरी नदी (अलवर में) |
अड़वाना बांध | मानसी नदी (भीलवाड़ा में) |
गरदड़ा बांध | मांगली नदी (बूंदी में) |
कौन सा बांध किस नदी पर स्थित है pdf 👇
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