राजस्थान का पंजाब जालौर जिले की सांचौर तहसील को कहते है, हालाँकि सांचौर को अगस्त 2023 में राजस्थान का जिला बना दिया गया है। सांचौर को राजस्थान का पंजाब इसलिए कहते है, क्योंकि प्राचीनकाल में यहाँ पाँच नदिया बहती थी और पाँच नदियों के क्षेत्र को पंजाब (पांच +आब) कहते है। इन पाँच नदियों में केवल लूनी नदी वर्तमान में (केवल वर्षाकाल) में बहती है, शेष चार नदियां विलुप्त हो गई। इसके अलावा सांचौर जिले की भूमि पंजाब की तरह उपजाऊ है, जिसमें धान की पैदावार प्रचुर मात्रा में होती है, लेकिन सांचौर जिले में पानी की कमी के कारण वर्तमान में खेती नहीं हो पाती है।
सांचौर का प्राचीन नाम ‘सत्यपुर’ था। प्राकृत ग्रंथों में इसे ‘सच्चउर’ भी कहा गया है। वर्तमान में इसमें सांचौर, रानीवाड़ा, चितलवाना और बागोड़ा उपखंडो को शामिल करके नया जिला बनाया गया है। सांचौर जिले में लगभग 459 गाँव है। वर्तमान में सांचौर जिला पाली संभाग के अंतर्गत आता है। NH-15 सांचौर जिले से गुजरता है। 24 वें जैन तीर्थकर महावीर जी का प्राचीन मंदिर सांचौर जिले में स्थित है।
राजस्थान का हृदय किसे कहते हैं –
राजस्थान का हृदय अजमेर जिले को कहते है, क्योंकि अजमेर जिला राजस्थान के मानचित्र में सभी जिलों के मध्य में स्थित है अर्थात यह एक केंद्रीय जिला है, साथ ही सभी राजमार्ग और रेलवे लाइन्स अजमेर से जुड़े हुए है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण राजस्थान का दिल के नाम से जानने वाला अजमेर जिला राजस्थान के मध्य में 25°38’ से 26°50’ उतरी अक्षांस एवं 73°54’ से 75°22’ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित हैं।
अजमेर राजस्थान के ठीक मध्य में स्थित है। यह राजस्थान के चारों प्रमुख शहरों, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर से लगभग बराबर दूरी पर है। अजमेर शहर अरावली पर्वतमाला की तारागढ़ पहाड़ी के ढलान में स्थित है। यह शहर 7वीं शताब्दी में अजयपाल चौहान द्वारा बसाया गया था। अजमेर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जिनमें मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, तारागढ़ दुर्ग, पुष्कर झील, अनासागर झील और फायसागर झील शामिल हैं।
राजस्थान का नाका किसे कहते है –
राजस्थान का नाका अजमेर जिले को कहते है, क्योंकि राजस्थान के लगभग सभी राजमार्ग अजमेर से होकर गुजरते हैं अर्थात यातायात पर कंट्रोल अजमेर से कर सकते हैं। यह जिला राजस्थान के अन्य हिस्सों और देश के अन्य हिस्सों को जोड़ने वाले कई प्रमुख मार्गों का केंद्र बिंदु है। अजमेर जिले से दिल्ली से मुंबई जाने वाली NH-8 (NH-48), अजमेर से गुजरात जाने वाली NH-14 (NH-162), उदयपुर से चूरू जाने वाली NH-58, अजमेर से भीलवाड़ा जाने वाली NH-79 और अजमेर से बीकानेर जाने वाली NH-89 जैसे राष्ट्रिय राजमार्ग गुजराते है।
राजस्थान का भुवनेश्वर किसे कहते है –
राजस्थान का भुवनेश्वर ओसियां को कहा जाता है। यह राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है। ओसियां को इसकी कई प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है, जिनमें माँ सच्चियाय का मंदिर, जैन मंदिर और सूर्य मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों की शैली ओड़िशा के भुवनेश्वर शहर में स्थित मंदिरों से मिलती-जुलती है, इसलिए ओसियां को राजस्थान का भुवनेश्वर कहा जाता है।
ओसियां में बना सूर्य मंदिर ठीक वैसे ही शैली/वास्तुकला में बना है, जैसे भुवनेश्वर में 13 वीं शताब्दी में बना कोणार्क का सूर्य मंदिर। औसियां राजस्थान में प्रतिहार वंश का प्रमुख केन्द्र था। औसिंया (जोधपुर) के मंदिर प्रतिहार कालीन है। गुर्जर प्रतिहार राजवंश ने ओसियां में कई मंदिरों का निर्माण किया। चौहान राजवंश ने ओसियां पर शासन किया और उन्होंने भी कई मंदिरों का निर्माण किया। मुगल साम्राज्य ने ओसियां पर शासन किया, लेकिन उन्होंने मंदिरों को नुकसान नहीं पहुंचाया।
राजस्थान का स्कॉटलैंड किसे कहते हैं –
शराब उत्पादन के कारण राजस्थान का स्कॉटलैंड अलवर जिले को कहते है। क्योंकि जैसे विश्व में स्कॉटलैंड शराब (बियर) उत्पादन के लिए प्राचीन काल से जाना जाता है, ठीक वैसे ही राजस्थान में शराब उत्पादन के लिए अलवर जिला जाना जाता है।
अलवर में शराब का उत्पादन मुख्य रूप से बहरोड़ में होता है। बहरोड़ को राजस्थान का शराब उद्योग का केंद्र कहा जाता है। बहरोड़ में कई शराब की फैक्ट्रियां हैं, जो विभिन्न प्रकार की शराब का उत्पादन करती हैं। अलवर जिले में शराब का उत्पादन राजस्थान के कुल शराब उत्पादन का लगभग 60% है। अलवर जिले में शराब का उत्पादन मुख्य रूप से गेहूं के छिलके और गन्ने के रस से किया जाता है।
राजस्थान में अंडो की टोकरी किस शहर को कहा जाता है –
राजस्थान में अंडो की टोकरी अजमेर को कहा जाता है। अजमेर राजस्थान का सबसे बड़े अंडा उत्पादक जिलों में से एक है। अजमेर में कई बड़े अंडे उत्पादन फार्म हैं, जो राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में अंडे की सप्लाई करते हैं। अजमेर में समशीतोष्ण जलवायु है, जो अंडे उत्पादन के लिए उपयुक्त है। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, अजमेर जिले में प्रति वर्ष लगभग 200 मिलियन अंडो का उत्पादन होता है। यह राजस्थान के कुल अंडा उत्पादन का लगभग 20% है।
अन्य राजस्थान के जिलों के प्राचीन नाम
प्राचीन नाम/आधुनिक नाम | जिला/शहर |
राजस्थान की हाईटेक सिटी | सीकर |
राजस्थान का मेवानगर | नाकोड़ा, बाड़मेर |
राजस्थान का अमरनाथ | परशुराम महादेव मंदिर |
राजस्थान का कोणार्क | झालरापाटन का सूर्य मंदिर |
राजस्थान की काशी | बूंदी |
राजस्थान का खजुराहो | किराड़ू का मंदिर |
राजस्थान का प्रवेश द्वार | भरतपुर |
राजस्थान का सिंह द्वार | अलवर |
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