वर्तमान में (जून 2023 तक) राजस्थान का सबसे बड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट ‘सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल पॉवर स्टेशन’ है, जिसकी अधीष्ठापित क्षमता 2820 MW है। इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा सुपर थर्मल पावर प्लांट ‘छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट’ है, जिसकी अधीष्ठापित क्षमता 2320 MW है।
अतिरिक्त जानकारी 👇
राजस्थान में कितने सुपर थर्मल पॉवर प्लांट है?
राजस्थान के सभी सुपर थर्मल पॉवर प्लांट निम्नलिखित है –
(1) सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल पॉवर स्टेशन – 2820 MW
(2) छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट – 2320 MW
(3) कालीसिंध तापीय विद्युत परियोजना – 1200 MW
(4) झालावाड़ सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन – 1200 MW (प्रस्तावित)
(5) बाँसवाड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट – 1320 MW (प्रस्तावित) (निजी क्षेत्र)
सुपर थर्मल पावर प्लांट क्या होता है?
किसी पॉवर प्लांट की उत्पादन क्षमता 1000 MW से अधिक होने पर वह प्लांट ‘सुपर पॉवर प्लांट’ कहलाता है। सुपर थर्मल पॉवर प्लांट की दक्षता (efficiency) थर्मल पॉवर प्लांट से अधिक होती है अर्थात कम फ्यूल (कोयला) में अधिक विद्युत उत्पादन करते है।
राजस्थान का दूसरा सुपर थर्मल पावर प्लांट कौनसा है ?
राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर प्लांट ‘सूरतगढ़’ है, दूसरा ‘कोटा सुपर थर्मल स्टेशन’ है, हालाँकि कोटा में सबसे पहले 1983 में कोयले से बिजली बनाना शुरू हुई थी, लेकिन 1000 MW से अधिक उत्पादन (सुपर थर्मल पॉवर प्लांट ) वाला पहला प्लांट ‘सूरतगढ़ पॉवर स्टेशन’ है। राजस्थान का तीसरा सुपर थर्मल पावर प्लांट बारां जिले में स्थित छबड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन है, जिसकी स्थापना वर्ष 2005 में की गई थी।
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