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इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में कहां से प्रवेश करती है, इंदिरा गांधी नहर की चौड़ाई कितनी है ?

इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) दो चरणों में पूरी हुई थी। प्रथम चरण के तहत ‘राजस्थान फीडर नहर’ 1964 में पूरी की गई। राजस्थान फीडर नहर पंजाब के फिरोजपुर के निकट सतलज और व्यास नदियों के संगम पर बने ‘हरिके बैराज’ बांध से हनुमानगढ़ के मसीतावाली हेड तक 204 किमी. लम्बाई की बनाई गई थी। यह फीडर 150 किमी. पंजाब में, 20 किमी. हरियाणा में और 34 किमी. राजस्थान में फैली हुई है। दरअसल इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में प्रवेश हनुमानगढ़ के टिब्बी तहसील के खरखेड़ा गांव से करती है। खरखेड़ा गांव से मसीतावाली हेड तक नहर की लम्बाई 34 किमी. है, जिसका निर्माण प्रथम चरण के अंतर्गत हुआ था। अर्थात राजस्थान फीडर नहर की राजस्थान में लंबाई 34 किमी है। 

इंदिरा-गांधी-नहर-राजस्थान-में-प्रवेश

आपकी जानकारी के लिए बता दे की हरिके बैराज बांध में हिमालय से दो नदियां सतलज और व्यास नदी  आकर गिरती है। सतलज नदी पर भाखड़ा और नांगल बांध बने हुए है जबकि व्यास नदी पर पोंग बांध बना हुआ है। राजस्थान की सबसे पुरानी नहर गंगनहर भी सतलज नदी से ही (हरिके बैराज के बाद से) निकलती है। 

इंदिरा गांधी नहर की चौड़ाई कितनी है – 

इंदिरा गाँधी नहर के तल की चौड़ाई 116 फीट (35 मीटर) है जबकि इसके ऊपरी सतह की चौड़ाई 140 फीट (43 मीटर) है। इंदिरा गाँधी नहर की गहराई 21 फीट (6.4 मीटर) है। हालाँकि इसकी चौड़ाई और गहराई राजस्थान में प्रवेश के बाद जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में कम होती जाती है। 

इंदिरा गांधी नहर की चौड़ाई

उल्लेखनीय है की इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) के द्वितीय चरण के तहत पूंगल हैड (बीकानेर) से मोहनगढ़ (जैसलमेर) तक 256 किमी का निर्माण किया गया, जिसे बाद में 165 किमी. ओर बढ़ा कर अंतिम स्थान (गडरा रोड) बाड़मेर तक विस्तारित किया जाना प्रस्तावित है। इसको बाबा रामदेव उपशाखा के नाम से जाना जाता है।  

इंदिरा गांधी नहर की राजस्थान में लंबाई कितनी है – 

इंदिरा गांधी नहर की कुल लंबाई 649 किमी. है, जिसमें से 204 किमी. राजस्थान फीडर और 445 किमी. इंदिरा गांधी मुख्य नहर की लंबाई है। बाड़मेर के गडरा रोड तक (165 किमी.) नहर बनने के बाद इंदिरा गांधी मुख्य नहर की कुल लंबाई 814 किमी. हो जाएगी। IGNP के द्वितीय चरण का कार्य वर्तमान में चल रहा है।

इंदिरा गांधी नहर परियोजना कब प्रारंभ हुई – 

इंदिरा गांधी नहर परियोजना की आधारशिला तत्कालीन गृह मंत्री श्री गोविंद बल्लभ पंत ने 31 मार्च 1958 को रखी थी, लेकिन इस नहर में सर्वप्रथम पानी तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 11 अक्टूबर 1961 को (नौरंगदेसर) हनुमानगढ़ से छोड़ा। इसे राजस्थान की मरू गंगा तथा राजस्थान की जीवन रेखा आदि नामों से जाना जाता है। इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद इस नहर का नाम 2 अक्टूबर 1984 को ‘राजस्थान नहर’ से बदल कर ‘इंदिरा गांधी नहर’ किया गया। 

इंदिरा गांधी नहर के जनक कौन है – 

इंदिरा गांधी नहर के जनक डॉ. कंवरसेन को माना जाता है। डॉ. कंवरसेन एक भारतीय सिविल इंजीनियर थे, जिन्होंने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने नहर के प्रारंभिक डिजाइन और निर्माण कार्य का नेतृत्व किया था।

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