राजस्थान का नवीनतम कंजर्वेशन रिजर्व (जनवरी 2024 तक) उदयपुर जिले में स्थित महासीर कंज़र्वेशन रिज़र्व बड़ी झील – B है, जिसे 7 अक्टूबर 2023 को राजस्थान का 36 वां कंज़र्वेशन रिज़र्व घोषित किया गया था। इससे पहले नया कंजर्वेशन रिजर्व गंगाघाट कंज़र्वेशन रिज़र्व (अजमेर) था, जिसे 6 अक्टुम्बर 2023 को 31 वां कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। राजस्थान का 29 वां कंज़र्वेशन रिज़र्व बांझ आमली कंज़र्वेशन रिज़र्व था।
बांझ आमली कंज़र्वेशन रिज़र्व बारां जिले के रामगढ़ क्रेटर और रामगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व के समीपवर्ती क्षेत्र होने से पर्यटन के क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बांझआमली कंजर्वेशन रिजर्व की उत्तरी सीमा मध्यप्रदेश से, दक्षिणी सीमा वन खंड जयनगर उर्फ बकनपुरा ए से तथा पश्चिमी सीमा वनखंड खेडला से स्पर्श करती है। यहां वन और वन्यप्राणी सुरक्षित रहेंगे, साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलने से क्षेत्रवासियों को काफी फायदा मिलेगा।
अतिरिक्त जानकारी 👇
बारां जिले के 7 कंजर्वेशन रिजर्व
बांझ आमली कंजर्वेशन रिजर्व बनने के बाद राजस्थान में सर्वाधिक 7 कंजर्वेशन रिजर्व बारां जिले में हो गए है, जो निम्न प्रकार है –
(1) शाहबाद के जंगल कंजर्वेशन रिजर्व
(2) शाहबाद तलहटी कंजर्वेशन रिजर्व
(3) रामगढ़ कुंजी सुनवास कंजर्वेशन रिजर्व
(4) सोरसेन कंजर्वेशन रिजर्व-1
(5) सोरसेन कंजर्वेशन रिजर्व-2
(6) सोरसेन कंजर्वेशन रिजर्व-3
(7) बांझ आमली कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 16 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 16 वां कंजर्वेशन रिजर्व जालौर जिले के चितलवाना तहसील के खेजडियाली गाँव में स्थित रणखार कंजर्वेशन रिजर्व है, जिसको 25 अप्रैल 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। इसका क्षेत्रफल 72.88 वर्ग किमी है। घुड़खर नामक जंगली गधे के लिए यह कंजर्वेशन रिजर्व प्रसिद्ध है, इसके अलावा यहां चिंकारा, रोजड़े, हिरण, जंगली बिल्ली और जरख अधिक संख्या में पाये जाते है। इस क्षेत्र में दलदली भूमि होने के कारण यह प्रवासी पक्षियों का भी आश्रय स्थल है, इसलिए इसको बर्ड सेंचुरी घोषित करने के लिए भी कवायद शुरु होने लगी है।
राजस्थान का 17 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 17 वां कंजर्वेशन रिजर्व बारां जिले में स्थित शाहबाद तलहटी कंजर्वेशन रिजर्व है, जिसको 1 सितम्बर 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था, इसका क्षेत्रफल 178.84 वर्ग किमी. है। यह वर्तमान में (अगस्त 2023 तक) दूसरा सबसे बड़ा कंजर्वेशन रिजर्व है । इसके एक तरफ मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क है, तो दूसरी तरफ माधव नेशनल पार्क है। शाहाबाद तलहटी का जंगल दोनों के बीच कॉरिडोर है। ऐसे में भविष्य में यहां चीता और टाइगर दोनों की हलचल देखने को मिल सकती है।
राजस्थान का 18 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 18 वां कंजर्वेशन रिजर्व भीलवाड़ा जिले में स्थित ‘बीड घास फुलियाखुर्द कंजर्वेशन रिजर्व’ है, जिसको 27 सितम्बर 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। इसका क्षेत्रफल मात्र 0.85 वर्ग किमी. है, जो की रोटू (नागौर) (क्षेत्रफल – 0.72 वर्ग किमी.) के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे छोटा कंजर्वेशन रिजर्व है।
राजस्थान का 22 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 22 वां कंजर्वेशन रिजर्व बारां जिले में स्थित ‘रामगढ़ कुंजी सुनवास कंजर्वेशन रिजर्व’ है, जिसको 3 मार्च 2023 को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। इसका क्षेत्रफल 38.08 वर्ग किमी. है। इससे पहले जयपुर स्थित झालाना व आमागढ़ को 21 वाँ कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था।
राजस्थान का 23 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 23 वां कंजर्वेशन रिजर्व अजमेर जिले में स्थित ‘अरवर कंजर्वेशन रिजर्व’ है, इस क्षेत्र को मार्च 2023 में कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। यह कंजर्वेशन रिजर्व खड़मोर पक्षी के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान का 29 वां कंजर्वेशन रिजर्व
राजस्थान का 29 वां कंजर्वेशन रिजर्व बारां जिले में स्थित ‘बांझ आमली कंजर्वेशन रिजर्व’ है, जिसको मई 2023 में कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। यह बारां जिले का 7 वा कंजर्वेशन रिजर्व है। इससे पहले सोरसेन कंजर्वेशन रिजर्व-3 को बारां जिले का छठा कंजर्वेशन रिजर्व 22 अप्रैल 2023 को घोषित किया गया था।
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