आर्थिक समीक्षा 2022-23 (दिसम्बर 2022 तक) के अनुसार राजस्थान में 81 प्रकार के खनिज पाए जाते है, जिसमें से 58 प्रकार के खनिजों का वर्तमान में खनन किया जा रहा है। हालाँकि आर्थिक समीक्षा 2021-22 के अनुसार राजस्थान में 82 प्रकार के खनिज पाए जाते थे, जिसमें से 57 प्रकार के खनिजों का खनन होता था। राजस्थान वोलस्टोनाइट, जास्पर, तामड़ा, पन्ना, सेलेनाइट और सीसा-जस्ता का एक मात्र उत्पादक (100 %) राज्य है। राजस्थान बॉल क्ले, फ़ॉस्फ़ोराइट, ओकर (गेरू), स्टेटाइट, फेल्सफार एव फायर क्ले का भी प्रमुख उत्पादक है। राजस्थान सजावटी पत्थर जैसे संगमरमर, सेण्डस्टोन, ग्रेनाइट आदि के उत्पादन में भी देश में प्रमुख स्थान रखता है।
अतिरिक्त जानकारी 👇
राजस्थान में खनिजों के प्रकार
धात्विक खनिज | लौह धातुएँ – लोहा, मैगनीज, क्रोमियम अलौह धातुएँ – ताँबा, एल्युमीनियम, चांदी, सीसा-जस्ता, टिन |
अधात्विक खनिज | वोलस्टोनाइट, एस्बेस्टोस, बॉलक्ले, जिप्सम, रॉक फॉस्फेट, बेन्टोनाइट, संगमरमर, अभ्रक |
ईंधन खनिज | कोयला, लिग्नाइट, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस |
आणविक खनिज | यूरेनियम, लिथियम, बेरिलियम, थोरियम, ग्रेफाइट |
राजस्थान में खनिजों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
⤷ राजस्थान देश के कच्चे तेल उत्पादन में लगभग 22-23% योगदान के साथ दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान मुंबई हाई आयल क्षेत्र का है।
⤷ राजस्थान में खनिजों के भंडार मुख्यत: अरावली पर्वत माला एवं दक्षिणी-पूर्वी पठारी भागों में हैं।
⤷ राजस्थान की प्रथम खनिज नीति वर्ष 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के काल में घोषित की गई थी।
⤷ राजस्थान में खनिज उत्खनन के लिए देश की 19% कार्यरत खदानें है।
⤷ राजस्थान में बारां, चूरु और धौलपुर जिलों में खनिजों के भंडार नगण्य है।
⤷ राजस्थान प्रमुख खनिजों की ई-नीलामी करने वाला देश का पहला राज्य है
⤷ ‘राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनिरल लिमिटेड’ उपक्रम राजस्थान के अधात्विक खनिजों के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए उत्तरदायी है।
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