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राजस्थान के खनिज संसाधन से संबंधित टॉप 120 महत्वपूर्ण प्रश्‍न (Rajasthan ke Khanij Sansadhan Mcq Questions)

राजस्थान के खनिज संसाधन एक ऐसा टॉपिक है, जिसमे से प्रश्न नहीं बने ऐसा कोई शायद ही राजस्थान का एग्जाम हो। यह RSMSSB और RPSC का पसंदिता टॉपिक है, जिससे 2-3 प्रश्न अवश्य बनते है।

इस Article में राजस्थान के खनिज संसाधन से संबंधित टॉप 120 महत्वपूर्ण प्रश्न (Rajasthan ke Khanij Sansadhan Mcq Questions) व्याख्या के साथ दिए गए है, जिनमें विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्‍न और नए Expected प्रश्‍न शामिल है। इन प्रश्नों से बाहर पेपर नहीं जाये इसके लिए हमने अपना पूरा एफर्ट डाला है।

साथ ही इस चैप्टर पर पूरी तरह कमांड पाने के लिए राजस्थान में पाए जाने वाले विभिन्न खनिजों से संबंधित खनन क्षेत्रों के Short Notes बनाकर टेबल की फॉर्म में उपलब्ध कराया गया है, जिसमें राजस्थान की विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए खनन क्षेत्रों को (*) संकेत से दर्शाया गया है। 

Rajasthan ke Khanij Sansadhan Mcq Questions

Q.1 राजस्थान में बगोली और सराय-पचलंगी खनन क्षेत्र किस खनिज से संबंधित है –  

  1. लौहा 
  2. ताँबा 
  3. रॉक फॉस्फेट 
  4. मैंगनीज

Ans. 1. लौहा 
Exp. – बगोली और सराय-पचलंगी खनन क्षेत्र लौहा अयस्क के लिए प्रसिद्ध है, जो की राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित है। झुंझुनू में डाबला-सिंघाना और काली पहाड़ी लौहा अयस्क के अन्य खनन क्षेत्र है।   

Q.2 गोला-अलीपुर….. का प्रसिद्ध भण्डारण क्षेत्र है – (REET Mains 28/2/2023)

  1. क्वार्ट्ज़ 
  2. सिलिका – रेत 
  3. डोलोमाइट 
  4. वोलस्टोनाइट

Ans. 4. वोलस्टोनाइट
Exp. – वोलस्टोनाइट मुख्यत: सिरोही और पाली जिलों में पाया जाता है, लेकिन लगभग 1.66 मिलियन टन मेट्रिक निम्न श्रेणी का वोलस्टोनाइट अजमेर जिले के रूपनगर तहसील के गोला-अलीपुर गाँव में भी पाया जाता है।

Q.3 राजस्थान में खैरवाड़ा खान से कौनसा खनिज निकाला जाता है – 

  1. जिप्सम  
  2. एस्बेस्टोस
  3. अभ्रक 
  4. ताँबा  

Ans. 2. एस्बेस्टोस
Exp. – उदयपुर में स्थित खैरवाड़ा खान से सर्वाधिक एस्बेस्टोस का उत्पादन किया जाता है। 

Q.4 राजस्थान में कुशलपुरा, कमलपुरा और बलियाखेड़ा खनन क्षेत्र किससे सम्बंधित है-

  1. केल्साइट   
  2. पन्ना
  3. तामड़ा  
  4. अभ्रक

Ans. 3. तामड़ा  
Exp. – तामड़ा के राजमहल, जनकपुरा, कुशलपुरा, गांवरी खनन क्षेत्र टोंक जिले में तथा कमलपुरा, डादिया व बलियाखेड़ा खनन क्षेत्र भीलवाड़ा जिले में स्थित है।

Q.5 राजस्थान में सुलेमानी पत्थर निम्न में से किस जिले में पाया जाता है –

  1. बाड़मेर 
  2. जोधपुर 
  3. नागौर 
  4. झालावाड़ 

Ans. 4. झालावाड़
Exp. – सुलेमानी पत्थर (Agete) को अकीक या गोमेद भी कहते है। यह झालावाड़, कोटा, चितौड़गढ़ और बाँसवाड़ा जिलों में पाया जाता है।

Q.6 उदयपुर स्थित बाबरमल खान किसके लिए प्रसिद्ध है –

  1. रॉक फॉस्फेट 
  2. ताँबा 
  3. सीसा-जस्ता 
  4. गुलाबी संगमरमर

Ans. 4. गुलाबी संगमरमर
Exp. – गुलाबी संगमरमर उदयपुर और भरतपुर जिलों में पाया जाता है। 

Q.7 राजस्थान में वरमीक्यूलाइट कहाँ पाया जाता है?

  1. कोटा 
  2. भीलवाड़ा 
  3. अजमेर 
  4. जैसलमेर 

Ans. 3. अजमेर 
Exp. – वरमीक्यूलाइट राजस्थान में अजमेर और बाड़मेर जिलों में पाया जाता है।   

Q.8 बीरमानियां, मटून और नीमचमाता खनन क्षेत्र किससे संबंधित है – 

  1. कोयला 
  2. टंगस्टन 
  3. तामड़ा 
  4. रॉक फॉस्फेट 

Ans. 4. रॉक फॉस्फेट 
Exp. – रॉक फॉस्फेट मुख्यत: उदयपुर जिले में झामरकोटड़ा, माटोन, नीमचमाता, सीसारमा, दक्कन-कोटड़ा और जैसलमेर जिले में बीरमानियां, फतेहगढ़ स्थानों पर पाया जाता है। 

Q.9 राजस्थान की कौनसे जिलों में मैगनीज क़्वार्टजाइट शिलाओं की दरारों से प्राप्त किया जाता है –

  1.  बांसवाड़ा और उदयपुर 
  2. राजसमंद और अजमेर 
  3. जयपुर और सवाई माधोपुर 
  4. भीलवाड़ा और टोंक 

Ans. 3. जयपुर और सवाई माधोपुर 
Exp. – राजस्थान में सर्वाधिक मैगनीज के भंडार बांसवाड़ा जिले में है, इसके अलावा यह उदयपुर और राजसमंद जिलों में भी पाया जाता है। जयपुर, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में क़्वार्टजाइट शिलाओं की दरारों से प्राप्त किया जाता है।

Q.10 निम्न में से कौनसा एक एस्बेस्टोस खनन क्षेत्र नहीं है – 

  1. ऋषभदेव 
  2. खेमारु
  3. धौली 
  4. देवल 

Ans. 3. धौली 
Exp. – देवल और खेमारु एस्बेस्टोस खनन क्षेत्र डूँगरपुर जिले में स्थित है। धौली टोंक जिले में अभ्रक का खनन क्षेत्र है 

Q.11 राजस्थान में कालकाजी और कावला में किस खनिज के भंडार है – (अन्वेषक परीक्षा 2020)

  1. चूना पत्थर 
  2. मार्बल 
  3. ग्रेनाइट 
  4. क्ले (चिकनी मिट्टी)

Ans. 3. ग्रेनाइट
Exp. – कालकाजी और कावला जालौर जिले में ग्रेनाइट की खाने हैं। जालौर को ग्रेनाइट सिटी कहते हैं। ग्रेनाइट आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होता है। ग्रेनाइट विश्व में सबसे महंगा पत्थर है। यह राजस्थान में मुख्यतः छप्पन की पहाड़ी, सिवाना (बाड़मेर), जालौर, सीकर, जयपुर, उदयपुर, राजसमंद जिलों सहित राजस्थान के 23 जिलों में पाया जाता है। 

Q.12 निम्न में से कौनसा एक घीया पत्थर का उत्पादन क्षेत्र है – 

  1. काहिला
  2. मुंडोती
  3. देवपुरा-सालोज 
  4. दादलिया  

Ans. 3. देवपुरा-सालोज 
Exp. – उदयपुर स्थित देवपुरा-सालोज क्षेत्र से सर्वाधिक घीया पत्थर का उत्पादन किया जाता है। काहिला (डूँगरपुर) और मुंडोती (अजमेर) से फ्लोराइट का खनन होता है और दादलिया (अजमेर) से फेल्सपार का खनन होता है।

Q.13 आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, राजस्थान में कितने खनिजों का खनन हो रहा है – 

  • 53 
  • 57 
  • 61 
  • 58  

Ans. 58  
Exp. – आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार राजस्थान में 81 खनिजों का भण्डार है, इनमें से 58 खनिजों का वर्तमान में खनन हो रहा है। 

Q.14 निम्न में से कौनसी खान चांदी के उत्पादन से संबंधित है – 

  1. कोलिहान 
  2. बलारिया
  3. सिंदेसर खुर्द
  4. लिलवानी 

Ans. 3. सिंदेसर खुर्द
Exp. – सिंदेसर खुर्द खान राजसमंद के रेलमगरा क्षेत्र में स्थित है, जहां वेदांता कंपनी द्वारा चांदी का उत्पादन किया जाता है।  इसके अलावा चांदी के उत्पादक के प्रमुख क्षेत्र उदयपुर के आस-पास की सीसा-जस्ता की जावर खदानें और जावरमाला की पहाड़ियां है।

Q.15 निम्न में से कौनसी खान से सर्वाधिक जिप्सम का खनन होता है – 

  1. जामसर
  2. गोठ मांगलोद
  3. मोहनगढ़
  4. पूंगल

Ans. 1. जामसर
Exp. – बीकानेर के जामसर गाँव में सर्वाधिक जिप्सम का भण्डार है। 

Q.16 राजस्थान में कौनसे वर्ष सर्वाधिक ताँबा का उत्पादन हुआ था –

  • 2018
  • 2009
  • 1999
  • 1990

Ans. 1990
Exp. – राजस्थान में वर्ष 1990 में सर्वाधिक 1827 हजार टन ताँबा का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2018-19 में राज्य में 1350 हजार टन ताँबा का उत्पादन हुआ है। (डॉ हरिमोहन सक्सेना बुक “राजस्थान का भूगोल” के pg no. 170 के अनुसार)

Q.17 बीकानेर रियासत में दुलमेरा किस खनिज के लिए प्रसिद्ध था  – (व्याख्याता आयुर्वेद 2021)

  1. पत्थर 
  2. अभ्रक 
  3. कोयला
  4. ताँबा 

Ans. 1. पत्थर 
Exp. – बीकानेर शहर से 65 किलोमीटर दूर दुलमेरा की खदानों से लाल पत्थर निकालता है, जिससे जूनागढ़ किला, गजनेर पैलेस और लालगढ़ पैलेस का निर्माण हुआ है। गांव दुलमेरा की खदानों से निकलने वाले लाल पत्थर को स्थानीय भाषा में ‘माखणिया भाटा’ भी कहा जाता है।

Q.18 निम्न में से कौनसा एक बेरिलियम का खनन क्षेत्र है –

  1. शिकारवाड़ी
  2. तलवाड़ा
  3. सरवाड़
  4. मकरेड़ा

Ans. 1. शिकारवाड़ी
Exp. – उदयपुर स्थित शिकारवाड़ी क्षेत्र से बेरिलियम का खनन होता है। यह खनिज एल्युमीनियम से भी हल्का होता है तथा तोड़ने पर पारदर्शी दिखाई देता है। राजस्थान से बेरिलियम का सम्पूर्ण उत्पादन भारत सरकार खरीदती है, क्योंकि इस खनिज को खरीदने का अधिकार केवल भारतीय सेना के पास है।
अन्य विकल्पों से संबंधित खनिज निम्नलिखित है –
तलवाड़ा (बांसवाड़ा) – मैगनीज
सरवाड़ (अजमेर) – तामड़ा
मकरेड़ा (अजमेर) – फेल्सपार

Q.19 बिलारा चूना पत्थर क्षेत्र ………. में स्थित नहीं है। (REET Mains 26-2-2023)

  1. नागौर 
  2. बीकानेर 
  3. श्रीगंगानगर
  4. जोधपुर 

Ans. 3. श्रीगंगानगर
Exp. – बिलाड़ा जोधपुर जिले में तेहसील है, लेकिन बिलाड़ा चूना पत्थर क्षेत्र जोधपुर, बीकानेर और नागौर जिलों में भी फैला हुआ है।

Q.20 जयपुर जिले की फागी तहसील के भोजपुरा, माधोराजपूरा और कनर्वा का बास क्षेत्रों में कौनसा खनिज पाया जाता है –

  1. लौहा 
  2. तामड़ा 
  3. पन्ना 
  4. अभ्रक

Ans. 4. अभ्रक
Exp. – अभ्रक आग्नेय व कायान्तरित चट्टानों से प्राप्त होता है। अभ्रक अज्वनशील खनिज है, जो विधुत का कुचालक है, जिससे बिजली के सामान व अंतरिक्ष के उपग्रह बनाये जाते है। धातुओं को पिघलाने वाली धमन भट्टियों में इसका लेप चढ़ा होता है। सफ़ेद कलर की अभ्रक को रूबी व हल्की गुलाबी कलर की अभ्रक को बायोटाइट कहते है।    

Short Notes
राजस्थान में पाये जाने वाले विभिन्न खनिज और उनसे संबंधित खनन क्षेत्र निम्नलिखित है – 

लौहा खनन क्षेत्रचौमू-सामोद*, मोरीजा-बनेला*, भट्टो की गली*, बनिया का बास, बागावास, कानपुरा (जयपुर), टोडा चीपलाटा*, थोई (नीमकाथाना-सीकर), डाबला-सिंघाना*, बगोली*, सराय-पचलंगी*, काली पहाड़ी* (झुंझुनू), निमला-राइसेला, लालसोट (दौसा), नाथरा की पाल*, थुर-हुण्डेर* (उदयपुर), लोहारपुरा*(बूंदी), लोहरिया, खाचरिया, तलवारा (डूँगरपुर), बनेड़ा, इंद्रगढ़ (बूंदी), कमलपुर, लामया (बाँसवाड़ा)
नवीन निक्षेप → धूलखेड़ा-जीपिया (भीलवाड़ा) 
 ताँबा खनन क्षेत्रखेतड़ी-सिंघाना*, चांदमारी*, मदान-कुदान* (मंधान-कुधन) क्षेत्र , कोलिहान*, आकवाली*, बनवास, ढोलामाला, बरखेड़ा, चिचोली (झुंझुनू), खो-दरीबा*, भगोनी*, थानागाजी, कुशलगढ़, सेनपरी,  भगत का बास* (अलवर), पुर दरीबा, बनेड़ा*, देवतलाई (भीलवाड़ा), बनी वाली ढाणी*, बालेश्वर*, रघुनाथपुरा (सीकर), बिंदासर* (चूरू), हनोतिया*, सेवर (अजमेर), गोलिय*, पिपेला, बसंतगढ़, आबूरोड़ (सिरोही), अंजनी*, सलुम्बर, चानी  (उदयपुर), रेलमगरा, मजेरा (राजसमंद), पादर पाल* (डूँगरपुर)
नवीन निक्षेप → देवा का बेड़ा, सालियों का बेड़ा (सिरोही), भूपालसागर (चितौड़गढ़), सिवाणा (बाड़मेर) 
सोना खनन क्षेत्रआनंदपुर भूकिया*, जगपुरा भूकिया*, तिमारन माता*, घाटोल (बाँसवाड़ा), ढाणी बासड़ी (दौसा), धानोटा (झुंझुनू), रायपुर, खेड़ा (उदयपुर) 
नवीन निक्षेप → देवतलाई* (भीलवाड़ा) – राजस्थान की पहली सोने की खान, जिसके उत्खनन के लिए अधिसूचना 2022 में जारी कर दी गई है।
सीसा-जस्ता खनन क्षेत्रजावर*, मोचिया-मगरा*, देबारी, बलारिया*, बरोई (उदयपुर), रामपुरा-आगुचा*, आगुचा-गुलाबपुरा* (भीलवाड़ा), राजपुरा-दरीबा* (राजसमंद), चौथ का बरवाड़ा* (सवाई माधोपुर), गुढ़ा-किशोरीदास* (अलवर), कायड़ खान, घूघरा घाटी, लोहाखान* (अजमेर)
नवीन निक्षेप – सलामपुरा (भीलवाड़ा)
चाँदी खनन क्षेत्र सिंदेसर खुर्द खान* (रेलमगरा, राजसमंद), जावर खान (उदयपुर)
मैगनीज खनन क्षेत्रतलवाड़ा*, लीलवानी*, कालाखूँटा*, नरडिया, गुरारिया से रतिमाऊरी तक*, तिम्मामोरी, सिवोनिया-खेरिया*, घाटिया* (बाँसवाड़ा), नेगड़िया (राजसमंद), सरूपपुरा, बड़ी सार, छोटी सार (उदयपुर)
टंगस्टन खनन क्षेत्रडेगाना-भाकरी* (नागौर), वाल्दा*, आबू, रेवदार (सिरोही), नाना कराब, बार-बाबरा (पाली)  
जिप्सम खनन क्षेत्रजामसर*, लूणकरणसर, सियासर, हरकासर, खाजूवाला, बिसरासर, पूंगल (बीकानेर), गोठ मांगलोद*, भदवासी*, फलसूंड, धाकोरिया*  (नागौर), कवास, कुरला*, श्योकर*, उत्तरलाई, पीर की ढाणी*, मधुपुर का वास (बाड़मेर), मोहनगढ़, हमीरवाली* (जैसलमेर), खूटानी* (पाली), गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू
पन्ना खनन क्षेत्रकालागुमान*, टिक्की-गढ़बोर*, देवगढ़*, अंटालिया (राजसमंद), गोगुन्दा* (उदयपुर), बूबानी-राजगढ़* (अजमेर) 
तामड़ा खनन क्षेत्रराजमहल*, देवखेड़ा, जनकपुरा, कुशलपुरा, गांवरी (टोंक), सरवाड़*, केकड़ी, खरखारी (अजमेर), कमलपुरा*, डादिया, बलियाखेड़ा*, सामोदी (भीलवाड़ा), महवा, बालेश्वर* (सीकर)
अभ्रक खनन क्षेत्रदांता*, भूणास*, बनेड़ी, फुलिया, नाथ-की-नेरी*, सिंदिरियास*, छापरी, घोगास, बेमाली, कोचरिया, गोकुलपुरा (भीलवाड़ा), बरला, मानखंड, धौली (टोंक), दादिया, बघेरा टूनियाँ*, केकड़ी (अजमेर), भोजपुरा*, माधोराजपूरा*, कनर्वा का बास (फागी, जयपुर), चम्पागढ़, धौला मेतरा (उदयपुर), तोरावाटी (सीकर)
एस्बेस्टस खनन क्षेत्र ऋषभदेव*, खैरवाड़ा*, सलूम्बर, कागदर की पाल (उदयपुर), देवल*, खेमारु* (डूँगरपुर), नाथद्वारा  (राजसमंद), अर्जुनपुरा, कवलाई (अजमेर), आसींद, बराना (भीलवाड़ा)
फ्लोराइट खनन क्षेत्रमांडो की पाल*, काहिला* (डूँगरपुर), करारा, कराड़ा (भीनमाल, जालौर), आसींद (भीलवाड़ा), काला मगरा* (उदयपुर), मुंडोती*, तिलोरी (अजमेर), चौकड़ी (सीकर)
फेल्सपार खनन क्षेत्रमकरेड़ा*, दादलिया*, लोहरवाड़ा*, जवाजा, मसूदा, ब्यावर, तारागढ़ (अजमेर), दादिया (जयपुर), चानोदिया, डिगोर, फूलद (पाली), ततारपुर, खैरथल (अलवर), जहाजपुर (भीलवाड़ा)   
पाइराइट खनन क्षेत्रसलादीपुर* (सीकर), बिरांटिया खुर्द, नयाखेड़ा (पाली)
रॉक फॉस्फेट खनन क्षेत्रझामरकोटड़ा*, मटून (माटोन*), नीमचमाता*, सीसारमा*, बड़गाँव, दक्कन-कोटड़ा, बेलागढ़, भींडर (उदयपुर), बीरमानियां*, फतेहगढ़ (जैसलमेर), सलोपत* (बांसवाड़ा), अचरोल (जयपुर), अडूका-अण्डवारी* (राजगढ़, अलवर), करपुरा (सीकर) 
संगमरमर खनन क्षेत्रराजनगर*, मोरवड़* (राजसमंद), मकराना* (नागौर), त्रिपुरा सुंदरी (बांसवाड़ा), किशनगढ़ (अजमेर), सेरवा-पेरवा (सिरोही), उदयपुर
ग्रेनाइट खनन क्षेत्रछप्पन की पहाड़ी, सिवाणा, (बाड़मेर), कालकाजी*, ब्रूटी कावला*, रानीवाड़ा, खांबी, कोला की घाटी, काला घाटी (जालौर), पीपाड़, खेजराला, (जोधपुर), अजीतगढ़ (सीकर)   
 चूना पत्थर/लाइम स्टोनसोनू*, कनोई* (जैसलमेर), लाखेरी इंद्रगढ़* (बूंदी), निम्बाहेड़ा* (चितौड़गढ़), बिलाड़ा* (जोधपुर) नागौर, उदयपुर, अजमेर 
सुलेमानी पत्थर खनन क्षेत्रझालावाड़*, कोटा, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा
बेन्टोनाइट खनन क्षेत्रहाथी की ढाणी, गिरल (बाड़मेर*), बीकानेर, सवाईमाधोपुर
घीया पत्थर खनन क्षेत्रदेवपुरा-सालोज*, लाखवाली*, उंडीथल, झंझर की पाल, खोजावाड़ा-मुंडवाड़ा, ऋषिभदेव* (उदयपुर), घेवरिया-चाँदपुर* (भीलवाड़ा), देवल, बजवाड़ा (डूँगरपुर), कागदर (बाँसवाड़ा), राजसमंद, अजमेर, अलवर, दौसा, करौली 
 बेरिलियम खनन क्षेत्र शिकारवाड़ी* (उदयपुर), बांदर-सिंदरी*, गुजरवाड़ा1* (अजमेर), चम्पा गुढ़ा* (राजसमंद), सागवाड़ा (डूँगरपुर), नीम का थाना (सीकर), देवड़ा, तिलौली (भीलवाड़ा)
यूरेनियम खनन क्षेत्ररोहिल*, सुहागपुरा* (खंडेला, सीकर), उमरा* (उदयपुर), कुराड़िया*, भूणास (भीलवाड़ा) 
केल्साइट खनन क्षेत्रमोण्डा*, रायपुर (सीकर), बेल का पहाड़ (पिण्डवाड़ा, सिरोही), उदयपुर, पाली, जयपुर, झुंझुनू      
वोलस्टोनाइट खनन क्षेत्रवेल का भगरा (सिरोही*), खेड़ा उपरला (पाली), गोला-अलीपुरा* (अजमेर), उदयपुर, 
डोलोमाइट खनन क्षेत्र विट्ठलदेव धाम, खमेरा*, अमरपुरा (बाँसवाड़ा), धारियाबाद*, ईसवाल (उदयपुर)  कोठारिया, मोरचणा, आगरिया (राजसमंद), बाजला- काबरा* (अजमेर), चाचा, ओढ़नियां (जैसलमेर), इंदो की ढाणी*, राठौड़ो का धोरा (जोधपुर), मनवारामगढ़ (जयपुर)
बेराइट्स खनन क्षेत्रजगत, रेलपातलिया*, केवड़ा (उदयपुर), भानखेड़ा (अलवर), भरतपुर 
ग्रेफाइट खनन क्षेत्रडूमाड़ा-अंबा (अजमेर) 
ग्लुकोनाइट के भंडारकरौली, सवाईमाधोपुर
वरमीक्यूलाइट प्राप्ति स्थलहंटुड़ी*, लच्छीपुरा (अजमेर), सिमलिया (पंचपदरा, बाड़मेर)
पोटाश के भण्डारनागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर  (राजस्थान में 91%)
लिथियम के भण्डारराजगढ़ (अजमेर)
नवीन निक्षेप – रेवंत की डूंगरी (डेगाना*, नागौर) 
मुल्तानी मिटटीबाड़मेर, बीकानेर
गेरू प्राप्ति स्थल चितौड़गढ़* (राजस्थान में 78 %) 
क्वार्ट्जाइट खनन क्षेत्रपहाड़ी, भुसावर, रूपवास (भरतपुर), सवाईमाधोपुर 
फायर क्ले गढ़, कोटरी, रानेरी (कोलायत, बीकानेर), मंगरुप* (भीलवाड़ा), एरल (चितौड़गढ़) 
चाइना क्लेअलवर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर आदि
* – महत्वपूर्ण
* – लेटेस्ट परीक्षाओं में पूछे गए और महत्वपूर्ण 
1 – हालांकि डॉ हरिमोहन सक्सेना की पुस्तक “राजस्थान का भूगोल” में बांदरसिंदरी और गुजरवाड़ा जयपुर जिले में बताया गया है, लेकिन वास्तविक में यह अजमेर जिले में स्थित है – Source (दैनिक भास्कर न्यूज़)

एक जैसे नाम वाले खनन क्षेत्र
लोहारपुरा – बूंदी – लोहा अयस्क का खनन क्षेत्र
लोहारवाड़ा – अजमेर – फेल्सपार का खनन क्षेत्र
लोहाखान – अजमेर – सीसा-जस्ता का खनन क्षेत्र
सबला-लोहारिया – डूँगरपुर – चूना पत्थर और श्वेत अडंगा संगमरमर

खो-दरीबा (अलवर) – ताँबे का खनन क्षेत्र
पुर-दरीबा (भीलवाड़ा) – ताँबे का खनन क्षेत्र
राजपुरा-दरीबा (राजसमंद) – सीसा-जस्ता-चाँदी खनन क्षेत्र

यह भी पढ़ेराजस्थान के खनिज तेल, प्राकृतिक गैस और लिग्नाइट कोयला से संबंधित टॉप 25 महत्वपूर्ण प्रश्‍न (MCQs)

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