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राजस्थान की सिंचाई परियोजनाएं (rajasthan ki sinchai pariyojana), प्रमुख नहरें, बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं – महत्वपूर्ण प्रश्‍न (MCQs), Short Notes, questions और Map 

Q.121 भरतपुर नहर को कहां से निकाला गया है ?

  1. चम्बल नदी से 
  2. पश्चिमी यमुना नहर से 
  3. बाण गंगा नदी से 
  4. उंटगन नदी से 

Ans. 2. पश्चिमी यमुना नहर से 
Exp. – पश्चिमी यमुना नहर यमुना नदी से निकाली गई नहर है, जिससे हरियाणा और उत्तरप्रदेश में सिंचाई होती है। भरतपुर नहर पश्चिमी यमुना नहर से निकाली गई है। यह 1964 में बनकर तैयार हुई है। इसको इसकी कुल लम्बाई 28 किमी. है, जिसमे से 16 किमी. उत्तरप्रदेश में है। यह राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सयुंक्त परियोजना है। इससे भरतपुर जिले की 8500 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।  

Q.122 राजस्थान की ‘परवन’ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना निम्न जिलों को सिंचाई सुविधा प्रदान कारगी – (RAS 2021) 

  1. झालावाड़, बारां और कोटा
  2. टोंक, बूंदी और कोटा 
  3. कोटा, बूंदी और झालावाड़ 
  4. झालावाड़, और भीलवाड़ा   

Ans. 1. झालावाड़, बारां और कोटा
Exp. – परवन’ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के अंतर्गत 1,821 गाँवो में पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ-साथ झालावाड़, बारां एव कोटा जिले के 637 गाँवो की 2,01,400 हैक्टयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस परियोजना में सिंचाई जल का उपयोग बूंद-बूंद या फव्वारा पध्दति से करना प्रस्तावित है। इस परियोजना में शेरगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य के लिए 17 मिलियन घन मीटर जल आरक्षित है। 

Q.123 जर्मनी द्वारा पोषित ‘आपणी योजना’ राजस्थान के कौन से जिलों में चल रही है? (E.O. 2007)

  1. अलवर-भरतपुर
  2. चूरू-हनुमानगढ़
  3. बाड़मेर-नागौर 
  4. सिरोही-बूंदी

Ans. 2. चूरू-हनुमानगढ़
Exp. – जर्मनी की आर्थिक सहायता एजेंसी K.P.W के सहयोग से झुंझुनू, चूरू व हनुमानगढ़ जिलों में ‘आपणी योजना’ (गंधेली-सहवा परियोजना) संचालित है। 

Q.124 निम्न में से किस नदी से धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना को पानी मिलेगा? (PTI 2018)

  1. बनास 
  2. पार्बती 
  3. चम्बल 
  4. बाणगंगा 

Ans. 3. चम्बल 
Exp. – धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत धौलपुर ग्रामीण व राजाखेड़ा तहसील क्षेत्र में सिंचाई के लिए चम्बल नदी से सागरपाड़ा समीप से पानी लिया जायेगा। 

Q.125 निम्नलिखित में से कौनसी सिंचाई परियोजना राजस्थान, पंजाब व हरियाणा राज्यों की सयुक्त परियोजना है ? (JEN इलेक्ट्रिकल डिग्री 2016)

  1. इंदिरा गाँधी नहर 
  2. माही बजाज सागर 
  3. व्यास 
  4. नर्मदा नहर 

Ans. 3. व्यास 
Exp. – व्यास परियोजना (रावी-व्यास परियोजना) सतलज, रावी व व्यास नदियों के जल का उपयोग करने हेतु पंजाब, राजस्थान और हरियाणा की सयुक्त परियोजना है। इस परियोजना के तहत व्यास नदी पर दो बांध पंडोह बांधपोंग बांध हिमाचल प्रदेश में बनाये गए है तथा व्यास नदी के अतिरिक्त पानी को सतलज नदी में लाने के लिए व्यास-सतलज लिंक चैनल का निर्माण किया गया है। पोंग बांध का मुख्य उद्देश्य इंदिरा गाँधी परियोजना को शीत काल में जल की आपूर्ति बनाये रखना है। व्यास परियोजना के तहत राजस्थान को सर्वाधिक जल पोंग बांध से ही मिलता है। 

Q.126 झालावाड़ जिले में कौन सी परियोजना का निर्माण नहीं किया गया है ? (कनिष्ठ अनुदेशक इलेक्ट्रिकल 2019)

  1. भीम सागर 
  2. सावन-भादो परियोजना
  3. छापी परियोजना
  4. हरिशचंद्र सागर 

Ans.   2. सावन-भादो परियोजना
Exp. – सावन-भादो कोटा जिले के सांगोद तहसील में स्थित सिंचाई परियोजना है।

Q.127 ईसरदा सिंचाई परियोजना स्थित है – (उद्योग प्रसार अधिकारी 2018)

  1. डूंगरपुर में 
  2. चितौड़गढ़ में 
  3. सवाई माधोपुर में 
  4. झालावाड़ में 

Ans. 3. सवाई माधोपुर में  
Exp. – ईसरदा बांध टोंक व सवाईमाधोपुर जिलों की सीमा पर सवाईमाधोपुर जिले के ईसरदा गांव में स्थित है।

Q.128 सुमेलित कीजिए – (Patwar Pre 2016)
सिंचाई परियोजना      जिला 
(a) गागरिन    (1) बूंदी 
(b) तकली  (2) बारां
(c) ल्यासी   (3) कोटा 
(d) चाकन  (4) झालावाड़

  1. a-4, b-3, c-2, d-1
  2. a-3, b-4, c-1, d-2
  3. a-3, b-4, c-2, d-1
  4. a-1, b-4, c-2, d-3

Ans. 1. a-4, b-3, c-2, d-1
Exp. – तकली परियोजना कोटा के रामगंज मंडी के धानक्या गांव में स्थित है। पीपलाद परियोजना झालावाड़ जिले के अकलेरा गांव में स्थित है। ल्यासी परियोजना बारां जिले के छीपाबड़ौद तहसील के खजुरिया गांव में स्थित है। गागरिन परियोजना झालावाड़ जिले के पिंडावा गांव में स्थित है। गरदड़ा परियोजना बूंदी जिले पोलासपुरा गांव में स्थित है।  

Q.129 असंगत युग्म को छाँटिए – (प्रयोगशाला सहायक 2016)

  1. भाखड़ा नांगल  – पंजाब, हरियाणा, राजस्थान 
  2. चम्बल – मध्यप्रदेश, राजस्थान 
  3. व्यास  – पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश 
  4. माही बजाज सागर – गुजरात, राजस्थान 

Ans. 3. व्यास  – पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश 
Exp. – व्यास परियोजना राजस्थान, पंजाब, हरियाणा की सयुक्त परियोजना है।

Q.130 राजस्थान में मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संदर्भ में कौनसा कथन सही है – (Assistant Professor 2021)

  1. ल्यासी, झालावाड़ जिले में व अँधेरी बारां जिले में है। 
  2. हथियादेह, भवानी मंडी में व पीपलाद, बारां जिले में है। 
  3. गागरिन, झालावाड़ जिले में व मनोहर थाना सवाईमाधोपुर जिले में है।
  4. तकली, कोटा जिले में व गरदड़ा बूंदी जिले में है। 

Ans. 4. तकली, कोटा जिले में व गरदड़ा बूंदी जिले में है। 
Exp. -ल्यासी व अँधेरी बारां जिले में, हथियादेह, पीपलाद, गागरिन व मनोहरथाना झालावाड़ जिले में, तकली कोटा जिले में और गरदडा बूंदी जिले में है। 

Q.131 निम्न में से कौनसा सही सुमेलित नहीं है –

  1. सूकली- सेलवाड़ा परियोजना – सिरोही
  2. वागन परियोजना – चितौड़गढ़
  3. गुलण्डी पेयजल परियोजना – झालावाड़
  4. पार्वती बांध परियोजना – बारां 

Ans. 4. पार्वती बांध परियोजना – बारां 
Exp. – पार्वतीII नदी धौलपुर जिले में बहती है, जिस पर पार्वती बांध स्थित है।

Q.132 निम्न में से कौनसा सही सुमेलित नहीं है –

  1. अड़वाना बांध परियोजना – शाहपुरा  
  2. बांकली परियोजना – बाड़मेर 
  3. बांडी – सेन्दड़ा परियोजना – भीनमाल 
  4. भीमनी पेयजल परियोजना – झालावाड़ 

Ans. 2. बांकली परियोजना – बाड़मेर 
Exp. – बांकली बांध सुकड़ी नदी पर जालौर और पाली जिलों की सीमा के पास जालौर जिले में बना हुआ है, जिससे जालौर और पाली जिले लाभान्वित होते है। अड़वाना बांध भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील में स्थित है। बांडी-सेंदड़ा परियोजना जालौर जिले के भीनमाल तहसील में लूनी की सहायक बांडी-II नदी पर स्थित है।

Q.133 निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए (Assistant Testing officer 2021)
बांध         जिला
(a) नर्मदा केनाल (1) बांसवाड़ा
(b) श्री हरिदेव जोशी कैनाल (2)जालौर
(c) पार्वती कैनाल तंत्र टोंक (3) टोंक
(d) गाल्वा मुख्य सिंचाई परियोजना (4)धौलपुर

  1. a-2, b-1, c-4, d-3
  2. a-1, b-2, c-4, d-3
  3. a-2, b-1, c-3, d-4
  4. a-3, b-1, c-4, d-2

Ans. 1. a-2, b-1, c-4, d-3
Exp. – नर्मदा नहर से जालौर और बाड़मेर जिले लाभान्वित होते हैं। पार्वती बांध धौलपुर जिले में पार्वती-II नदी पर स्थित है। गलवा बांध टोंक जिले में स्थित है।

Q.134 राजस्थान के किस जिले में ‘पीपलखुंट हाइ लेवल कैनाल’ द्वारा सिंचाई की सुविधा प्रदान की जायेगी ? (AEN Civil 21-5-2023)

  1. टॉक  
  2. बाड़मेर 
  3. प्रतापगढ़ 
  4. भीलवाड़ा 

Ans. 3. प्रतापगढ़
Exp. – माही नदी के अतिरिक्त जल को सिंचाई के रूप में उपयोग में लेने के लिए  2000 करोड़ की लागत से प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट तहसील में नहर द्वारा जल सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जायेगा।

Short Notes  
कुछ महत्वपूर्ण मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाएं –
पीललड़ा (पीपलदा लिफ्ट सिंचाई योजना  – सवाई माधोपुर (चम्बल)
पीपलाद सिंचाई परियोजना – झालावाड़ (कालीसिंध नदी) 
चूलीदेह परियोजना – करौली 
हथियादेह परियोजना – बारां जिले में
ओराई सिंचाई परियोजना – चितोड़गढ़  
बालापुरा लिफ्ट सिंचाई परियोजना – कोटा
तकली सिंचाई परियोजना – कोटा
ल्यासी सिंचाई परियोजना – बाराँ
अंधेरी परियोजना – बाराँ
छापी सिंचाई परियोजना – झालावाड़
चौली परियोजना – झालावाड़ 
आलनिया सिंचाई परियोजना – कोटा
जग्गर सिंचाई परियोजना – करौली
पार्वती बांध परियोजना – धौलपुर (पार्वती -II) नदी पर
बांडी – सेन्दड़ा परियोजना – भीनमाल, जालौर बांडी नदी पर  
सूकली- सेलवाड़ा परियोजना – सिरोही (सूकली नदी पर)
वागन परियोजना – चितौड़गढ़ (वागन बांध पर)
बांकली परियोजना – जालौर-पाली 
अड़वाना बांध परियोजना – (शाहपुरा-भीलवाड़ा) 
चवंली  सिंचाई परियोजना – झालावाड़  
गुलण्डी पेयजल परियोजना – झालावाड़
सिंगोला पेयजल परियोजना – बाराँ
भीमनी पेयजल परियोजना – झालावाड़ 
रेवा पेयजल परियोजना – झालावाड़ (रेवा बांध पर)(2014)
झालाजी बराना वृहद पेयजल परियोजना- बूंदी (शुरू की जायेगी)
कछावन पेयजल परियोजना  – बाराँ (शुरू की जायेगी)
पीपलखुंट हाइ लेवल कैनाल – प्रतापगढ़ (शुरू की जायेगी)

Q.134 राजस्थान में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र वाला जिला है ?

  1. हनुमानगढ़ 
  2. श्रीगंगानगर
  3. कोटा 
  4. अलवर 

Ans. 2. श्रीगंगानगर
Exp. – राजस्थान का कुल सिंचित क्षेत्र 110.21 लाख हेक्टैयर (2018-19 तक) है, जिसमे से सबसे ज्यादा गंगानगर जिले में 6 लाख हेक्टयर है। इसके बाद क्रमश: अलवर, जयपुर, हनुमानगढ़ और भरतपुर जिलों का स्थान आता है। 

Q.135 राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई की जाती है – (कॉलेज व्याख्यता सारंगी 2019)(प्रवक्ता तकनीकी 2021)

  1. कुओं व नलकूपों द्वारा
  2. तालाबो द्वारा 
  3. नहरों द्वारा 
  4. इनमे से कोई नहीं 

Ans. 1. कुओं व नलकूपों द्वारा
Exp. – राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई कुओं व नलकूपों द्वारा होती है, इसके बाद क्रमश: नहरों और तालाबों द्वारा होती है।

Q.136 राजस्थान के शुद्ध सिंचित क्षेत्रफल का अधिकतम भाग निम्नाकिंत में से किस स्रोत से सिंचित होता है ? (JEN सिविल डिप्लोमा 2016)

  1. नहर 
  2. तालाब 
  3. नलकूप 
  4. कुओं  

Ans. 3. नलकूप 
Exp. – राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई कुओं व नलकूपों द्वारा होती है, लेकिन भू-जल स्तर लगातार कम होने से कुओं से ज्यादा नलकूपों (Tubewells) द्वारा सिंचाई अधिक हो रही है। कुओं द्वारा सिंचाई उन जिलों में अधिक सफल होती है, जहां भूमि पर जल स्तर की गहराई कम हो जैसे – भरतपुर, अलवर, उदयपुर, अजमेर में जल स्तर 6 से 12 मीटर की गहराई पर है।  

Q.137 कुओं व नलकूपों से सिंचाई करने की दर्ष्टि से सबसे प्रमुख जिला है – (Patwar 2011)

  1. जयपुर 
  2. भरतपुर 
  3. अलवर 
  4. धौलपुर 

Ans. 1. जयपुर 
Exp. – जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा, चितोड़गढ़ टोंक आदि जिलों में जल स्तर 10 से 18 मीटर के मध्य है, जो कुओ और नलकूपों से सिंचाई के लिए उपर्युक्त है। 

Q.138 कुएं एव नलकूपों से सिंचाई करने की दृष्टि से सबसे प्रमुख जिला है – (हथकरघा निरीक्षक 2018) 

  1. अलवर 
  2. राजसमंद 
  3. श्रीगंगानगर 
  4. अजमेर 

Ans. 1. अलवर 
Exp. – कुओं व नलकूपों से सिंचाई करने की दृष्टि से सबसे प्रमुख जिला जयपुर है, इसके बाद अलवर का स्थान आता  है। 

Q.139 राजस्थान में कुओं व नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत लगभग कितना है ? 

  • 45 %
  • 58 %
  • 68 %
  • 72 %

Ans. 68 %
Exp. – राजस्थान के कुल सिंचित क्षेत्र 110.21 लाख हेक्टैयर (2018-19 तक) में से 74.85 लाख हेक्टैयर क्षेत्र पर कुओं और नलकूपों द्वारा सिंचाई की जाती है। 

Q.140 राजस्थान में नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत कितना है – (JEN सिविल डिप्लोमा 2016)

  • 26.49
  • 24.36
  • 28.85
  • 29.75

Ans. 29.75
Exp. –  राजस्थान के कुल सिंचित क्षेत्र 110.21 लाख हेक्टैयर (2018-19 तक) में से 33.36 लाख हेक्टैयर क्षेत्र पर नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है। सर्वाधिक नहरों द्वारा सिंचाई गंगानगर जिले में की जाती है

Short Notes
राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई कुओं व नलकूपों द्वारा (68%)
नहरों द्वारा (30%)
तालाबों द्वारा (1%)

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