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राजस्थान की सिंचाई परियोजनाएं (rajasthan ki sinchai pariyojana), प्रमुख नहरें, बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं – महत्वपूर्ण प्रश्‍न (MCQs), Short Notes, questions और Map 

Q.101 गंग नहर की निम्न में से कौन सी एक जल वितरण शाखा नहीं है?

  1. लक्ष्मी नारायण 
  2. लालगढ़
  3. अनूपगढ़
  4. करणी

Ans. 3. अनूपगढ़
Exp. – गंग नहर की जल वितरण के लिए 4 शाखाएं – लक्ष्मीनारायण, लालगढ़, करणी और समीजा है। अनूपगढ़ इंदिरा गांधी नहर की शाखा है। इस नहर द्वारा लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।

Q.102 भाखड़ा बहुउद्देशीय परियोजना किसका संयुक्त उपक्रम है? (उद्योग निरीक्षक 2018) 

  1. राजस्थान, गुजरात व मध्य प्रदेश 
  2. राजस्थान, पंजाब व हरियाणा 
  3. राजस्थान, उत्तर प्रदेश व हरियाणा 
  4. राजस्थान, पंजाब व मध्य प्रदेश

Ans. 2. राजस्थान, पंजाब व हरियाणा 
Exp. – भाखड़ा बांध के पीछे बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में बने विशाल जलाशय का नाम गोविंद सागर है जो पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की पेयजल व सिंचाई तथा दिल्ली व चंडीगढ़ की पेयजल आवश्यकता को पूरा करता है।

Q.103 राजस्थान के किस जिले में भाखड़ा-नांगल बांध से सबसे अधिक सिंचाई होती है, वह है- (RAS 1999)

  1. गंगानगर 
  2. हनुमानगढ़ 
  3. चूरू 
  4. बीकानेर

Ans. 2. हनुमानगढ़ 
Exp. – इस परियोजना से राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई हनुमानगढ़ जिले में होती है तथा चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू व बीकानेर जिलों को विद्युत प्राप्त होती है।

Q.104 भाखड़ा-नांगल परियोजना पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है, इसमें राजस्थान का भाग है- (REET Mains 27/2/2023)

  • 15.2%
  • 20.5%
  • 25%
  • 33.3%

Ans. 15.2%
Exp. – राजस्थान को भाखड़ा-नांगल परियोजना से पंजाब सरकार व राजस्थान के मध्य 1959 में हुई भाखड़ा नांगल समझौतों के तहत 15.22% हिस्सा (विद्युत व जल दोनों में) प्राप्त होता है। भाखड़ा नहर की सिंचाई क्षमता 14.6 लाख हेक्टेयर है, जिसमें राजस्थान का अंश 2.3 लाख हेक्टेयर है। 

Q.105 भाखड़ा नहर परियोजना के बारे में कौन सा कथन सत्य है- (कंप्यूटर अनुदेशक 2022) (पशुधन सहायक 2022)
(a) यह पंजाब-हरियाणा और राजस्थान को संयुक्त परियोजना है। 
(b) इसे हनुमानगढ़ जिले को सिंचाई सुविधा प्राप्त होती है। 
(c) राजस्थान का हिस्सा 17.22 प्रतिशत है। 
(d) यह 2.3 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करती है।

  1. a, b और d
  2. a, b और c
  3. b, c और d
  4. b और c

Ans. a, b और d
Exp. – भाखड़ा नांगल नहर परियोजना पंजाब हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है जिसमें से राजस्थान का हिस्सा 15.22% (विद्युत व जल दोनों में) है।

Q.106 भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना भाखड़ा-नांगल परियोजना कब से शुरू गई थी?

  • 1953
  • 1963
  • 1969
  • 1987

Ans. 1963
Exp. – भाखड़ा बांध की नींव पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) में 17 नवंबर 1948 ई. को सतलज नदी पर रखी तथा उन्होंने ही 22 अक्टूबर 1963 ई. को इसका लोकार्पण करते हुए इसे भारत का नवीन मंदिर एवं चमत्कारी विराट वस्तु की संज्ञा दी। इस बांध की ऊंचाई 225.55 मीटर है, जो एशिया का सबसे ऊंचा और विश्व का द्वितीय ऊंचा बांध है। इस बांध की लंबाई 518.16 मीटर है। इसी बांध में एक जलाशय हैं, जिसका नाम गोविंद सागर है, जो भारत का सबसे बड़ा जलाशय/झील है।

Q.107 भाखड़ा-नांगल परियोजना राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है तो, नांगल बांध किस राज्य में स्थित है?

  1. हिमाचल प्रदेश 
  2. पंजाब 
  3. हरियाणा 
  4. राजस्थान

Ans. 2. पंजाब 
Exp. – नांगल बांध 1952 में बनकर तैयार हो गया था। भाखड़ा बांध के अतिरिक्त जल को संचित करने के लिए सतलज नदी पर भाखड़ा बांध से 13 किलोमीटर नीचे की ओर नांगल बांध बनाया गया है, जो नांगल, रोपड़ (पंजाब) में स्थित है। इस बांध की ऊंचाई 29 मीटर है, तो लंबाई 340 मीटर है

Q.108 निम्न में से कौन से जिले सिद्धमुख-नोहर सिंचाई परीयोजना से सिंचित होते हैं (कनिष्ठ अनुदेशक कोपा 2019)

  1. बीकानेर और गंगानगर 
  2. हनुमानगढ़ और चूरू 
  3. बीकानेर और नागौर 
  4. जोधपुर और नागौर 

Ans. 2. हनुमानगढ़ और चूरू 
Exp. – राजीव गांधी सिद्धमुख-नोहर सिंचाई नहर सतलुज नदी से निकाली गई है, जिससे नोहर (हनुमानगढ़),  (सिद्धमुख) चुरु, और गंगानगर का कुछ भाग लाभान्वित होते हैं।  

Q.108 (a) निम्न में से कौनसा जिला सिद्धमुख परियोजना से सिंचाई जल प्राप्त नहीं करता है ?  (वनपाल 6/11/2022)\

  1. हनुमानगढ़ 
  2. श्रीगंगानगर 
  3. बीकानेर 
  4. चूरू 

Ans. 3. बीकानेर 
Exp. – सिद्धमुख परियोजना से राजस्थान के हनुमानगढ़, चूरू और गंगानगर जिले लाभान्वित होते है।

Q.109 सिद्धमुख-नोहर सिंचाई परियोजना को….नदियों का अतिरिक्त पानी प्राप्त होता है- (उद्योग निरीक्षक 2018) (JEN यांत्रिकी/विद्युत डिप्लोमा 2020) 

  1. रावी-व्यास 
  2. रावी-सतलज 
  3. सतलुज-व्यास 
  4. रावी-घग्गर 

Ans. रावी-व्यास 
Exp. – सिधमुख नहर सिंचाई परियोजना द्वारा रावी-व्यास नदियों का वह अतिरिक्त पानी मिलता है, जो 1981 ई में पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के मध्य समझौते के अंतर्गत निर्धारित किया गया था। 

Q.110 निम्न में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है – (प्रवक्ता तकनीकी 2021) 

  1. गंग नहर – गंगानगर, बीकानेर 
  2. व्यास परियोजना – राजस्थान, पंजाब, हरियाणा 
  3. सिद्धमुख परियोजना – पंजाब, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश 
  4. माही बजाज सागर परियोजना – राजस्थान, गुजरात 

Ans. 3. सिद्धमुख परियोजना – पंजाब, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश 
Exp. – राजीव गांधी सिद्धमुख-नोहर सिंचाई परियोजना (पूर्व नाम सिधमुख परियोजना) द्वारा राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की नोहर व भादरा तथा चुरू जिले की राजगढ़ व तारानगर तहसील के कुल 113 गांव की 1,11,458 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होती है।  

Q.111 राजीव गांधी सिद्धमुख नोहर-सिंचाई परियोजना के बारे में कौन सा कथन गलत है-

  1. इस परियोजना की नींव 5 अक्टूबर 1989 को राजीव गांधी द्वारा रखी गई। 
  2. इस परियोजना की नींव सिद्धमुख (चूरू)में रखी गई।  
  3. 12 जुलाई 2002 को इस परियोजना का लोकार्पण सोनिया गांधी द्वारा  किया गया। 
  4. इस परियोजना के तहत सिद्धमुख -रतनपुरा वितरिका निकाली गई है।  

Ans. 2. इस परियोजना की नींव सिद्धमुख (चूरू)में रखी गई।  
Exp. – राजीव गांधी सिद्धमुख नहर सिंचाई परियोजना की नींव 5 अक्टूबर 1989 को राजीव गांधी द्वारा भिरानी गांव (हनुमानगढ़) में रखी गई थी। इस परियोजना को यूरोपीय आर्थिक समुदाय ने 7 जून 1993 से आर्थिक मदद देने की घोषणा की। चुरू जिले के सिद्धमुख शहर से रतनगढ़ तहसील के रतनपुरा गांव तक एक वितरिका निकाली गई है, जिसका कार्य पूर्ण हो चुका है। 

Q.112 मध्यप्रदेश व राजस्थान की संयुक्त बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है – (LDC 2018) 

  1. भाखड़ा-नांगल 
  2. माही 
  3. व्यास 
  4. चंबल 

Ans. 4. चंबल 
Exp. – चंबल नदी घाटी परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है, इसमें राजस्थान की 50% भागीदारी है। इस योजना 1950 में केंद्रीय जल शक्ति बोर्ड ने स्वीकृत दी तथा 1953-54 में शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत चंबल नदी पर बांध का निर्माण करके इसके जल का सिंचाई और विद्युत उत्पादन में उपयोग करना है। इसमें कुल विद्युत उत्पादन 386 MW होता है, जिसमें से 193 MW मध्यप्रदेश को व 193 MW राजस्थान को विद्युत मिलती है।  

Q.113 चंबल घाटी परियोजना पर निम्न दो बांध राजस्थान में है – (RAS 2007)

  1. गांधी सागर व राणा प्रताप सागर 
  2. जवाहर सागर व गांधी सागर 
  3. जवाहर सागर व राणा प्रताप सागर 
  4. कोटा बैराज व गांधी सागर 

Ans. 3. जवाहर सागर व राणा प्रताप सागर 
Exp. – गांधी सागर बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के मानपुरा-भानपुरा पठारों के मध्य स्थित है। यह बांध राजस्थान की सीमा पर स्थित चौरासीगढ़ से 8 किमी दूर मध्य प्रदेश में है। इस बांध से कुल 115 मेगावाट विद्युत उत्पन्न की जाती है।

Q.114 मुहाने से उद्गम की ओर चंबल नदी पर स्थित बांधों का सही क्रम है – (RPSC LDC 2014)

  1.  गांधी सागर – राणा प्रताप सागर – जवाहर सागर 
  2. जवाहर सागर – राणा प्रताप सागर – गांधी सागर 
  3. गांधी सागर – जवाहर सागर – राणा प्रताप सागर 
  4. राणा प्रताप सागर – गांधी सागर – जवाहर सागर

Ans. 2. जवाहर सागर – राणा प्रताप सागर – गांधी सागर 
Exp. – जवाहर सागर कोटा जिले में है। राणा प्रताप सागर चित्तौड़गढ़ जिले में है और गांधी सागर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है। (उद्गम से मुहाने की ओर चंबल नदी पर स्थित बांधों के क्रम की ट्रिक – GR JK)

Q.115 गाँधी सागर बांध का निर्माण चम्बल घाटी परियोजना के तहत किस चरण में और कब किया गया?

  1. प्रथम चरण, 1959  
  2. द्वितीय चरण,1960  
  3. तृतीय चरण, 1970 
  4. द्वितीय चरण, 1960

Ans. 1. प्रथम चरण, 1959  
Exp. – चंबल घाटी परियोजना के प्रथम चरण (1953 -1960) में गांधी सागर बांध व विद्युत गृह, कोटा सिचाई बांध और इसके दोनों और नहरों का निर्माण किया गया। गांधी सागर बांध का निर्माण 1959 में पूर्ण हुआ। इसके अलावा कोटा बैराज 1954 में, राणा प्रताप सागर 1970 में तथा जवाहर सागर बांध 1972 में बने थे। 

Short Notes
चम्बल घाटी परियोजना के तहत 4 बांधो का निर्माण 3 चरणों में हुआ –
प्रथम चरण (1953 – 1960) – गाँधी सागर बांध (115 MW) व कोटा बैराज 
द्वितीय चरण (1960 – 1970) – राणा प्रताप सागर बांध (172 MW)
तृतीय चरण (1962 – 1972) – जवाहर सागर बांध (99 MW)  

Q.116 चम्बल नदी घाटी परियोजना के तहत बनाए गए 4 बांधो में से सबसे ऊंचा बांध है –

  1. राणा प्रताप सागर बांध 
  2. गाँधी सागर बांध 
  3. जवाहर सागर बांध 
  4. कोटा बैराज 

Ans. 2. गाँधी सागर बांध 
Exp. – चारो बांध में से सर्वाधिक ऊंचाई गांधी सागर बांध की (62 मीटर) है, जबकि सर्वाधिक लंबाई राणा प्रताप सागर बांध की (1100 मी.) है।  

Short Notes
गांधी सागर बांध की – ऊंचाई – 62 मी. व लम्बाई – 513 मी.
जवाहर सागर बांध की ऊंचाई – 45 मी. व लम्बाई – 440 मी.
कोटा बैराज बांध की ऊंचाई – 42 मी. व लम्बाई – 438 मी.
राणा प्रताप सागर बांध की ऊंचाई – 36 मी. व लम्बाई – 1100 मी.

Q.117 चूलिया जलप्रपात के नीचे की ओर राजस्थान में कौन सा बांध बना है – (आर्थिक अन्वेषक 2018) (JEN यांत्रिकी/ विद्युत डिग्री 2020)

  1. जवाहर सागर बांध 
  2. गांधी सागर बांध 
  3. राणा प्रताप सागर बांध 
  4. नांगल बांध

Ans. 3. राणा प्रताप सागर बांध 
Exp. – चूलिया जलप्रपात (18 मी.) चंबल नदी पर राणा प्रताप सागर बांध और भैंसरोडगढ़ के मध्य रावतभाटा में स्थित है।

Q.118 निम्न में से चंबल प्रोजेक्ट में किस में सबसे ज्यादा जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है – (JEN यांत्रिकी विद्युत डिप्लोमा 2020)

  1. राणा प्रताप सागर 
  2. जवाहर सागर
  3. गांधी सागर 
  4. कोटा बैराज 

Ans. 1. राणा प्रताप सागर 
Exp. – राणा प्रताप सागर बांध के ऊपर कनाडा के सहयोग से रावतभाटा में राजस्थान का प्रथम व देश का दूसरा परमाणु विद्युत गृह बनाया गया है, जिससे 172 MW यूनिट (43 MW वाट की 4 इकाइयां ) बिजली का उत्पादन किया जाता है। राणा प्रताप सागर बांध की भराव क्षमता सर्वाधिक (23.5 लाख एकड़ फीट) है। 

Q.119 कोटा बैराज का निर्माण किस उद्देश्य से किया गया है – (LDC 2018)

  1. विद्युत उत्पादन 
  2. विद्युत उत्पादन एवं सिंचाई 
  3. सिंचाई 
  4. उद्योगों को जलापूर्ति हेतु

Ans. 3. सिंचाई
Exp. – कोटा बैराज बांध चंबल नदी पर स्थित एकमात्र बांध है, जिससे सिंचाई होती है। इसका सभी बांधो में सर्वाधिक जल ग्रहण क्षेत्र (Catchment Area) है। इसमें से कुल 8 नहरें निकली गई हैं, जिनमें से 2 नहरे कोटा में व 6 नहरे बारां जिले में है।  

Q.120 गुड़गांव नहर परियोजना द्वारा लाभान्वित जिला है – (वनरक्षक परीक्षा 2013) 

  1. जालौर 
  2. अलवर 
  3. भरतपुर 
  4. सीकर 

Ans. 3. भरतपुर
Exp. – यमुना लिंक नहर (प्राचीन नाम गुड़गांव नहर) को उत्तर प्रदेश के आगरा के ओखला हेड-वर्कर्स से यमुना नदी से निकाला गया है, जो हरियाणा में 88.56 किमी व राजस्थान में 53.35 किमी बनी हुई है। इसका प्रवेश राजस्थान में जुरहरा गांव (कामा-भरतपुर) में होता है। जिसमे भरतपुर की कामां व डीग तहसीलें लाभान्वित होती है। इसका निर्माण 1966 में शुरू किया गया था और 1985 में बनकर तैयार हो गई थी।  

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