जल उपलब्धता के आधार पर राजस्थान के उच्चतम दो नदियां क्रमश: चम्बल और बनास नदियां है, इसके बाद माही और लूनी नदियों का स्थान आता है। चम्बल नदी में 5203 मिलियन क्यूबिक मीटर सतही जल उपलब्ध है, बनास नदी में 4039 मिलियन क्यूबिक मीटर सतही जल उपलब्ध है, माही नदी में 3149 मिलियन क्यूबिक मीटर सतही जल उपलब्ध है और लूनी नदी में 1451 मिलियन क्यूबिक मीटर सतही जल उपलब्ध है।
अतिरिक्त जानकारी 👇
जल ग्रहण क्षेत्र (catchment area) के आधार पर राजस्थान की नदियों का क्रम –
जितने क्षेत्र से नदी जल ग्रहण करती है वह उसका जल ग्रहण क्षेत्र (catchment area) कहलाता है। सबसे अधिक जल ग्रहण क्षेत्र बनास नदी का है। फिर इसके बाद क्रमश: लूनी, चम्बल और माही नदियों का स्थान आता है।
नदियां | जल ग्रहण क्षेत्र | प्रतिशत में |
बनास नदी | 46,570km | 27.48% |
लूनी नदी | 34,250 km | 20.21% |
चम्बल नदी | 29,110km | 17.18% |
माही नदी | 16,030km | 9.46% |
अपवाह क्षेत्र (drainage area) के आधार पर राजस्थान की नदियों का क्रम –
नदी और उसकी सहायक नदियों के बहने के क्षेत्र को अपवाह क्षेत्र कहते हैं। सबसे अधिक अपवाह क्षेत्र चम्बल नदी का है, उसके बाद लूनी, बनास और माही नदियों का स्थान आता है।
नदियां | अपवाह क्षेत्र | प्रतिशत में |
चंबल नदी | 72,032km | 20.90% |
लूनी नदी | 34,866km | 10.40% |
बनास नदी | 33,760km | 9.8% |
माही नदी | 31,551km | 8.8% |
सुकड़ी तथा खारी नदियां | 22,672km | 6.7% |
जवाई नदी | 8,886km | 2.6% |
साबरमती नदी | 3,288km | 1% |
नदी बेसिन क्षेत्र के आधार पर राजस्थान की नदियों का क्रम –
जिस नदी की सर्वाधिक उप-घाटियां होती है, उसका नदी बेसिन क्षेत्र सर्वाधिक होता है। राजस्थान में सर्वाधिक नदी बेसिन क्षेत्र लूनी नदी का है। इसके बाद बनास, चम्बल और माही नदियों का स्थान आता है।
नदियां | नदी-बेसिन क्षेत्र | प्रतिशत में |
लूनी नदी | 69,302km | 20% |
बनास नदी | 47,060km | 13% |
चम्बल नदी | 31,243km | 9% |
माही नदी | 16,611km | 4.8% |
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