पूरे देश में जास्पर खनिज केवल राजस्थान के जोधपुर जिले में पाया जाता है। जोधपुर में ओसियाँ, मथानिया, रूण्डिया, लावेरा, मोगरा, सोपरा, टमटिया आदि क्षेत्रों में जास्पर पाया जाता है। हालाँकि जास्पर के नए भंडार राजस्थान के सिरोही, जालौर और पाली जिले में भी मिले है। जास्पर (जैस्पर) के उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है अर्थात जास्पर खनिज 100 % राजस्थान में पाया जाता है। जास्पर एक बहुमूल्य रत्न है जिसकी मांग दुनिया भर में है। राजस्थान में पाए जाने वाले जास्पर की गुणवत्ता और मात्रा के कारण, राजस्थान को जास्पर का विश्व का एक प्रमुख उत्पादक माना जाता है।
अतिरिक्त जानकारी 👇
जास्पर खनिज कैसा होता है –
जास्पर एक सिलिकेट खनिज है जो मुख्य रूप से सिलिका (SiO2) से बना होता है। जास्पर का सबसे आम रंग लाल है, लेकिन यह पीला, हरा, नीला, और भूरा भी हो सकता है। यह अक्सर धारियों या धब्बों के साथ होता है।
जास्पर खनिज का उपयोग
जास्पर एक लोकप्रिय रत्न है जिसका उपयोग हार, अंगूठियां, कान की बाली, और अन्य आभूषणों में किया जाता है। जास्पर विभिन्न रंगों में उपलब्ध है, इसलिए यह लगभग किसी भी प्रकार की फैशन शैली के साथ मेल खा सकता है। जास्पर का उपयोग घरों और कार्यालयों को सजाने के लिए भी किया जाता है। जास्पर से बने टाइल, फर्श, और दीवार पैनल वातावरण को रंग और आकर्षण जोड़ सकते हैं।
जास्पर खनिज की कीमत कितनी होती है –
राजस्थान में, जास्पर खनिज की कीमत आमतौर पर प्रति किलोग्राम ₹500 -₹700 होती है। हालांकि, कुछ विशेष स्टोर में, उच्च गुणवत्ता वाले जास्पर क्रिस्टल की कीमत प्रति किलोग्राम ₹1,000 या उससे अधिक हो सकती है।
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