ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर राजस्थान के जिले Map
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर राजस्थान के किन जिलों से गुजरेगा?
राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर (पश्चिमी राजस्थान) में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पहली बार सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा उत्पादन को मिलाने के लिए ‘राजस्थान राज्य प्रसारण निगम’ द्वारा 6.3 गीगावाट प्रसारण क्षमता का ‘ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर’ विकसित किया जा रहा है, यह ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर अजमेर, चितौड़गढ़, नागौर, जोधपुर और बीकानेर जिलों से होकर गुजरेगा। यह ट्रान्समिशन लाइन गुजरात के बनासकांठा से शुरू होकर राजस्थान होते हुए पंजाब के मोगा तक जाएगी।
अतिरिक्त जानकारी
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट क्या है –
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (GEC) प्रोजेक्ट के तहत ऊर्जा के नए स्रोत (अक्षय ऊर्जा) जैसे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायो गैस आदि से प्राप्त होने वाली विद्युत को परंपरागत पॉवर ग्रिड स्टेशन तक पहुँचाना है, ताकि देश के विभिन्न हिस्सो में नवीकरणीय ऊर्जा पहुँच सके। इस हरित ऊर्जा कॉरिडोर योजना में अक्षय ऊर्जा को निकालने के लिए पारेषण लाइनें बिछाई जाती है और इसे परंपरागत पॉवर ग्रिड स्टेशन तक सप्लाई की जाती है।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना को पहले चरण में आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू किया गया है। इस चरण में लगभग 24GW अक्षय ऊर्जा को परंपरागत पॉवर ग्रिड स्टेशन तक पहुंचाएगा।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के दूसरे चरण में कितने राज्य शामिल हैं?
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना के चरण- II में 7 जिलों (गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश) में लगभग 10,750 सर्किट किलोमीटर की ट्रांशमिशिन लाइनों को जोड़ने और ग्रिड सबस्टेशनों की 27,500 मेगा वोल्ट एम्पीयर परिवर्तन क्षमता लिए इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (InSTS) स्थापित किया जायेगा। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 12,031 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट कब शुरू किया गया ?
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है, जिसे पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) द्वारा किर्यान्वित किया जाता है।
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