अरावली का सबसे कम विस्तार अजमेर जिले में है, क्योंकि अरावली के मध्य भाग की चौड़ाई सबसे कम है। मध्य अरावली की पहाड़िया नुकीलापन लिए हुए है, इसलिए वहाँ अरावली पर्वतमाला की चौड़ाई कम पाई जाती है। मध्य अरावली राजस्थान में सांभर से देवगढ़ (राजसमंद) तक फैली हुई है। मध्य अरावली की सबसे ऊँची चोटी गोरमजी (टॉडगढ़) अजमेर जिले में है, जिसकी उंचाई 934 मीटर है।
अरावली का सर्वाधिक विस्तार उदयपुर जिले में पाया जाता है, क्योंकि दक्षिणी अरावली की चौड़ाई सबसे अधिक है। दक्षिणी अरावली देवगढ़ (राजसमन्द) से खेड़ाब्रह्मा (सिरोही) तक फैली हुई है। दक्षिणी अरावली की ऊंचाई भी सबसे अधिक होती है इसलिए अरावली की सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर (1722 मीटर) भी सिरोही जिले में स्थित है। दक्षिणी अरावली की ऊंचाई अधिक होने के कारण ही दक्षिणी राजस्थान में अधिक वर्षा होती है। दक्षिणी अरावली पर अधिक वर्षा होने के कारण ही वहाँ सघन वनस्पति वन पाये जाते है।
अतिरिक्त जानकारी 👇
राजस्थान में अरावली का विस्तार कितने जिलों में है –
राजस्थान में अरावली का विस्तार 14 जिलों में है, जो की है – सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, राजसंमद, पाली, भीलवाड़ा, अजमेर, सीकर, नागौर, जयपुर, अलवर, झुंझुनूं। वर्ष 2021 में नागौर जिले में जाँच करने पर वहाँ नावां-परबतसर क्षेत्र में करीब 100 वर्ग किमी. क्षेत्र में अरावली पर्वतमाला पायी गई (Source – दैनिक भास्कर रिपोर्ट)
राजस्थान में अरावली का विस्तार कहां से कहां तक है –
राजस्थान में अरावली का विस्तार (खेडब्रह्मा) सिरोही से (खेतड़ी) झुंझुनू तक 550 किमी है। जबकि अरावली पर्वतमाला की (पालनपुर) गुजरात से रायसीना पहाड़ी (दिल्ली) तक की कुल लंबाई 692 किमी है।
अरावली किस प्रकार का पर्वत है –
⤷ निर्माण प्रक्रिया के आधार पर अरावली पर्वतमाला वलित (Folded)पर्वतमाला है।
⤷ रचना विधि के आधार पर अरावली पर्वतमाला मोड़दार ( twisted) है।
⤷ संरचनात्मक दृष्टि से अरावली पर्वत श्रृंखला देहली क्रम की है।
⤷ वर्तमान में अरावली पर्वत केवल अवशिष्ट पर्वतों के रूप में स्थित है।
अरावली का विस्तार किस दिशा में है –
अरावली का विस्तार दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में है। अरावली पर्वतमाला अरब सागर से आने वाले मानसून के समानांतर स्थित है इसलिए राजस्थान में अरब सागर मानसून से बहुत कम वर्षा होती है क्योंकि वर्षा के लिए अनुकूल स्थिति यह है की पहाड़ो की स्थिति मानसून को अवरोध करे।
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