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सेलेनाइट पत्थर राजस्थान में कहां पाया जाता है ? 

 जिप्सम के रवेदार रूप को सेलेनाइट कहते है। जिप्सम को हरसौंठ और सेलखड़ी के नाम से भी जाना जाता है। देश में सेलेनाइट का समस्त उत्पादन RSMML (Rajasthan State Mines and Minerals limited) द्वारा राजस्थान में तीन खानों – छीतर का पार, थोब (बाड़मेर) और लूणकरणसर (बीकानेर) से किया जाता है। जिप्सम लघु खनिज है जबकि सेलेनाइट लघु खनिज नहीं है। राजस्थान में जिप्सम उत्पादन सर्वाधिक क्रमश: बीकानेर, जैसलमेर व गंगानगर में होता है।  

सेलेनाइट पत्थर राजस्थान में कहां पाया जाता है

सेलेनाइट पत्थर कैसा होता है – 

सेलेनाइट एक प्रकार का जिप्सम है, जो कैल्शियम सल्फेट डिहाइड्रेट है। इसका रासायनिक सूत्र CaSO4·2H2O है। सेलेनाइट आमतौर पर सफेद या पारदर्शी होता है, लेकिन इसमें पीले, भूरे या गुलाबी रंग के धब्बे भी हो सकते हैं। यह एक नरम और प्लास्टिक पत्थर है जिसे आसानी से काटा और आकार दिया जा सकता है। सेलेनाइट तलछटी चट्टानों का एक सामान्य घटक है, और यह समुद्र, झीलों और नदियों के तटों के साथ पाया जाता है। सेलेनाइट को खदानों से भी निकाला जा सकता है।

सेलेनाइट पत्थर के उपयोग –

सेलेनाइट पत्थर का उपयोग कई प्रकार की वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है, जिनमें मूर्तियां, पेंटिंग, भवन निर्माण सामग्री, कागज, चॉक, पाउडर और दवाएं शामिल हैं। सेलेनाइट को अक्सर आध्यात्मिक वस्तुओं के रूप में उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है। सेलेनाइट को अक्सर ध्यान और ध्यान के लिए उपयोग किया जाता है।

सेलेनाइट पत्थर की कीमत कितनी है?

भारत में, सेलेनाइट पत्थर की कीमत आमतौर पर प्रति किलोग्राम ₹1,200 से शुरू होती है। हालांकि, कुछ विशेष स्टोर में, उच्च गुणवत्ता वाले सेलेनाइट क्रिस्टल की कीमत प्रति किलोग्राम ₹2,000 या उससे अधिक हो सकती है।

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