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राजस्थान के प्रतीक चिन्ह (rajasthan ke pratik chinh) | गोडावण, चिंकारा, खेजड़ी, रोहिडा,ऊंट के महत्वपूर्ण प्रश्‍न (Mcq)

राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिड़ा के बारे में

 राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिड़ा
राज्य पुष्प – रोहिड़ा वृक्ष का फूल

रोहिडा को राजस्थान की मरूशोभा कहां जाता है (क्योंकि रोहिडा रेतीली मिट्टी में उगने वाला वृक्ष है)

रोहिडा को राजस्थान का सागवान (मारवाड़ टिक) कहा जाता है (क्योंकि रोहिड़ा की लकड़ी बहुत मजबूत कठोर और टिकाऊ होती है) (जेल प्रहरी 2018)

राज्य पुष्प रोहिड़ा राजस्थान के किस भाग में सर्वाधिक पाया जाता है? (RPSC 3rd grade-2004)( जेल प्रहरी 2018) 

  • (A) पूर्वी राजस्थान
  • (B) पश्चिमी राजस्थान
  • (C) उत्तरी राजस्थान
  • (D) दक्षिणी राजस्थान

राजस्थान का राज्य नृत्य घूमर के बारे में

इसमे स्त्रियां नृत्य करते समय अपने लहंगे को घेरा बनाकर घूमाती है इसी कारण इसे घूमर नृत्य कहते हैं।

घूमर नृत्य की उत्पत्ति  मध्य एशिया के भरंग  नृत्य से मानी जाती है।

यह नृत्य पुरुष नहीं करते परंतु यह पुरुष रस प्रधान नृत्य हैं।

घूमर राजस्थान के नृत्त्यों की आत्मा और लोक नृत्यों का सिरमौर कहलाता है। (जेल प्रहरी परीक्षा 2017)

अन्य उपनाम – सामंती नृत्य ,रजवाड़ी नृत्य

घूमर नृत्य गुजरात के गरबा नृत्य से मिलता है

राजस्थान में घूमर के तीन प्रकार प्रचलित है।
घूमर – इसमें साधारण स्त्रियां भाग लेती है।
लूर – यह गरासिया जनजाति की स्त्रियां द्वारा किया जाता है।
झुमरियो – यह बालिकाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।

घूमर नृत्य में धीमी गति में आठ मात्रा (धगनतिनकधिना) के कहरवे की विशेष चाल होती है जिसे सवाई कहते हैं।

किस त्यौहार पर घूमर नृत्य का आयोजन होता है? (Librarian 19-9-2020)

  • (A) दशहरा
  • (B) गणगौर
  • (C) तीज
  • (D) दीपावली

Ans. – (B) गणगौर
Exp. –  यह नृत्य मारवाड़ व मेवाड़ में राजघराने की महिलाओं द्वारा गणगौर पर किया जाता है।

 

 

घूमर लोक नृत्य को सुरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए राजस्थान में गणगौर घूमर नृत्य अकादमी कब स्थापित की गई थी ( Raj police 2020)

  • (A) 1981 
  • (B) 1986 
  • (C) 1968
  • (D) 1976

Ans. – (B) 1986 
Exp. – गणगौर घूमर नृत्य अकादमी की स्थापना संतरामपुर की महारानी राजमाता गोवर्धन कुमारी ने 1986 में की थी।  
 

वर्ष 2019 में राजस्थान के किस मेले में 2150 महिलाओं ने एक साथ घूमर नृत्य कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में घूमर नृत्य का नाम दर्ज कराया ( RVUNL  2021)

  • (A) रामदेवरा मेला
  • (B) पुष्कर मेला
  • (C) शिला देवी 
  • (D) वीर तेजाजी  मेला

Ans. – (B) पुष्कर मेला

राजस्थान का राज्य गीत -केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश के बारे में

इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई के द्वारा गाया गया था।

इस गीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की अल्लाह जिलाई बाई के द्वारा गाया गया था।

अल्लाह जिलाई  बाई ने सबसे पहले केसरिया बालम बीकानेर महाराजा गंगा सिंह के दरबार में गया था।

अल्लाह जिला बाई को राजस्थान की मरू कोकिला कहते हैं। (Raj police 2013)
जबकि राजस्थान की लता सीमा मिश्रा (झुंझुनू की) को कहते हैं।

अल्लाह जिलाई बाई को साहित्य में उनके योगदान के लिए 1982 में पदम श्री से सम्मानित किया गया था।(Lab Assistant 2019)

केसरिया बालम आओ नी पधारो मारे देश को अल्लाह जिलाई बाई ने किस राग में गाया था? (IInd grade 2010,2011)

  • (A) भोपाली
  • (B) पीलू
  • (C) मांड 
  • (D) मेघ

Ans. – (C) मांड  
 

निम्न में से कौन सी मांड गायिका बीकानेर से संबंधित नहीं है (Patwar 2011)

  • (A) गवरी देवी 
  • (B) अल्लाह जिलाई बाई 
  • (C) बन्नो बेगम 
  • (D) इनमें से कोई नहीं

Ans. –  (C) बन्नो बेगम
Exp. –  बन्नो बेगम जयपुर की है (मांड गायिका)
अल्लाह जिला बाई बीकानेर की है( मांड गायिका)
गवरी बाई बीकानेर की है (मांड गायिका)
गुलाबो सपेरा अजमेर  की है(कालबेलिया नृत्यांगना)(पद्मश्री – 2016 में ) 

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