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राजस्थान के भौतिक प्रदेश (rajasthan ke bhotik pradesh MCQs) | पश्चिमी मरुस्थल, अरावली पर्वतीय प्रदेश, पूर्वी मैदान, हाड़ौती का पठार- महत्वपूर्ण प्रश्‍न (MCQs)

उत्तर-पश्चिम मरुस्थलीय प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण FACTs और MCQs

उत्तर पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश में पाए जाने वाले बालुका स्तूपो  का विवरण निम्नलिखित दिया  गया है।

पश्चिमी राजस्थान में बालुका स्तूप
 बालुका स्तूपसंबंधित जिलेविशेषता
बरखान/अर्धचंद्राकार बालुका स्तूपभालेरी, रतनगढ़ (चूरू), सीकर (मेंथा नदी घाटी) जैसलमेर, लूणकरणसर, सूरतगढ़, बाड़मेर, ओसियां व जोधपुरमरुस्थलीकरण में सर्वाधिक योगदान*, सर्वाधिक गतिशील, सर्वाधिक नुकसानदायक
अनुदैर्ध्य / रेखीय बालुका स्तूप/सीफद्वेषवती नदी घाटी*, जैसलमेर*, जोधपुर और बाड़मेर
तेज हवा चलने पर हवा की दिशा के अनुरूप/समान्तर बनते हैं।
अनुप्रस्थ बालुका स्तूपबीकानेर जिले का पूगल क्षेत्र*, हनुमानगढ़ के रावतसर, गंगानगर के सूरतगढ़, चूरू और  झुंझुनूं धीमी हवा  चलने पर हवा के समकोण  पर बनते हैं
पैराबोलिक बालुका स्तूपसंपूर्ण थार में*, सर्वाधिक बीकानेर में *सर्वाधिक पाए जाने वाले बालुका स्तूप*,
आकृति महिलाओं के हेयर पिन की तरह, बरखान के विपरीत बनते हैं
तारानुमा बालुका स्तूपमोहनगढ़, पोकरण* (जैसलमेर), सूरतगढ़* (गंगानगर)हम्मादा (पथरीला मरुस्थल) के चारों ओर पाए जाने वाले बालुका स्तूप होते हैं।

नेटवर्क बालुका स्तूप
हनुमानगढ़ से हिसार-भिवानी (हरियाणा) तक
शब्र कोपीस बालुका स्तूप (shrub coppice dunes)पश्चिमी मरुस्थल में लगभग सभी जगहछोटी-छोटी झाड़ीयो और घास के झुण्ड के आसपास बालू रेत के जमाव से उत्पन्न होते हैं।
* – विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जा चुके & महत्वपूर्ण

Q.1 गतिशील(Mobile) रेत के टीले को राजस्थान की स्थानीय भाषा में कहते हैं

  1. ढोर
  2. रोहिड़ा 
  3. खेजड़ी 
  4. धरियन

Ans. – 4. धरियन
Exp. – पश्चिमी राजस्थान में शुष्क मरुस्थल को बालू/रेत के टीले /धोरे/धरियन के अधिक फैलाव के कारण थली (रेत ही रेत) कहा जाता है। 

Q2. चंद्राकार बालुका स्तूपो को कहा जाता है? (JEN विद्युत/यांत्रिक डिप्लोमा धारक 2022)

  1. सीफ 
  2. बरखान 
  3. लूनेट 
  4. शब्र-काफीज

Ans. – 2. बरखान 
Exp. – अर्धचंद्राकार बालुका स्तूपो को बरखान कहते हैं।

Q3. निम्नांकित में से कौन सा बालुका स्तूप मंद पवनामुखी ढाल व तीव्र पवनाविमुखी ढाल वाला होता है?(LDC 2018)

  1. अनुदैर्ध्य 
  2. अनुप्रस्थ 
  3. बरखान 
  4. नेबखा

Ans. – 3. बरखान 
Exp. –  बरखान बालुका स्तूप में पवन की दिशा के सामने वाला भाग का ढाल कम होता है तथा पवन की दिशा के दूसरी साइड वाला ढाल तीव्र होता है।

Q.4 कौन से बालुका स्तूप के मध्य की ऊंचाई अधिक होती है?

  1. बरखान 
  2. पैराबोलिक 
  3. तारानुमा 
  4. अनुप्रस्थ

Ans. – 1. बरखान 
Exp. –  बरखान बालुका स्तूप के मध्य भाग की ऊंचाई अधिक होती है जिसके एक और मंद ढाल होता है तो दूसरी ओर तीव्र ढाल वाला गर्त होता है जबकि पैराबोलिक बालुका स्तूप की भुजाएं लम्बी (3 से 4 किमी. तक) होती है जिससे उसका मध्य वाला भाग कम ऊंचाई वाला होता है।

Q.5 बरखान बालुका स्तूप मुख्यतः राजस्थान के कौनसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं (व्याख्याता आयुर्वेद 2021)

  1. 20 सेमी सम वर्षा रेखा के पश्चिमी क्षेत्रों में 
  2. 20 से 35 सेमी सम वर्षा रेखा के मध्य क्षेत्रों में 
  3. 35 से 50 सेमी सम वर्षा रेखा के मध्य क्षेत्रों में 
  4. 50 सेमी सम वर्षा रेखा के पूर्वी क्षेत्रों में

Ans. – 1. 20 सेमी सम वर्षा रेखा के पश्चिमी क्षेत्रों में
Exp. – बरखान जैसलमेर, चूरु क्षेत्र में अधिक पाए जाने के कारण ऑप्शन 1 ज्यादा सही है।

Q.6 राजस्थान में नवीन बरखान बालुका स्तूप कहां पाए जाते हैं?

  1. घग्गर नदी घाटी में 
  2. मेंथा नदी घाटी  में
  3. लूनी नदी घाटी में
  4. पाली में 

Ans. – 2. मेंथा नदी घाटी  में
Exp. – आंतरिक के प्रवाह के कारण शेखावाटी की मेंथा नदी घाटी में नवीन बरखान बालुका स्तूप बनते हैं।

Q.7 सीफ है एक – (PTI 2015) (JEN civil 2022)

  1. अनुदैर्ध्य बालुका स्तूप
  2. अनुप्रस्थ बालुका स्तूप 
  3. पैराबोलिक बालुका स्तूप 
  4. स्क्रब कोपीस बालुका स्तूप

Ans. – 1. अनुदैर्ध्य बालुका स्तूप
Exp. – सीफ एक अनुदैर्ध्य बालुका स्तूप का प्रकार है। बरखान के निर्माण में जब पवन की दिशा में परिवर्तन होता है तो बरखान की भुजा आगे की ओर बढ़ कर अनुदैर्ध्य बालुका स्तूप का निर्माण कर लेती है उसे सीफ कहते हैं। इन बालुका स्तूप की आकृति सीफ के समान बनती है।

Q.8 निम्न में से राजस्थान में कौन सा क्षेत्र बालुका स्तूप मुक्त है (द्वितीय श्रेणी अध्यापक 2017)

  1. शेरगढ़ -शिव 
  2. ओसियां -शेरगढ़ 
  3. बायतु- चौहटन 
  4. फलोदी -पोकरण

Ans. – 4. फलोदी -पोकरण
Exp. – बालुका स्तूप मुक्त क्षेत्र (पथरीला मरुस्थल) जैसलमेर के पोकरण तहसील, बीकानेर के उत्तरी भाग तथा जोधपुर की फलोदी तहसील के कुछ भागों में स्थित है जिसको हम्मादा के नाम से जानते है। यहां बलुआ और चूने के पत्थर के शैल है जिनका उपयोग स्थानीय इमारती पत्थर के रूप में किया जाता है।

Q.9 राजस्थान में ड्यून मुक्त ट्रैक्ट पाया जाता है?(JEN विद्युत डिप्लोमा 2022)

  1. पाली -जालौर -बाड़मेर -जयपुर 
  2. जोधपुर -नागौर -चूरू- सीकर 
  3. हनुमानगढ़- श्रीगंगानगर- झुंझुनू- जयपुर 
  4. बीकानेर -जैसलमेर- फलोदी -पोकरण

Ans. – 4. बीकानेर -जैसलमेर- फलोदी -पोकरण
Exp. – बालुका स्तूप(Dunes) मुक्त क्षेत्र (पथरीला मरुस्थल) जैसलमेर के पोकरण तहसील, बीकानेर के उत्तरी भाग तथा जोधपुर की फलोदी तहसील के कुछ भागों में स्थित है।

Q.10 थार मरुस्थल की स्थलाकृति किस प्रकार के बालुका स्तूप ओर से पटी पड़ी है?(JEN 21-8-2016)

  1. पवनानुवर्ती 
  2. अनुप्रस्थ 
  3. बरखान 
  4. पैराबोलिक

Ans. – 4. पैराबोलिक
Exp. – बरखान के विपरीत या हेयर पिन जैसा बालुका स्तूप को पैराबोलिक बालुका स्तूप कहते हैं। पश्चिमी मरुस्थल में सर्वाधिक पाया जाने वाले बालूका स्तूप पैराबोलिक बालुका स्तूप है। इस प्रकार के बालुका स्तूप बीकानेर में सर्वाधिक पाए जाते हैं।

Q.11 अनुप्रस्थ बालुका टीले राजस्थान के किन जिलों में मिलते हैं? (JEN विद्युत डिग्री 2022)

  1. बीकानेर-गंगानगर 
  2. जोधपुर-बाड़मेर 
  3. जालौर-पाली 
  4. जोधपुर-नागौर

Ans. – 1. बीकानेर-गंगानगर 
Exp. – अनुप्रस्थ बालुका स्तूप हवा के लंबवत बनते हैं यह बीकानेर जिले का पूगल क्षेत्र, हनुमानगढ़ के रावतसर, गंगानगर के सूरतगढ़, चूरू और  झुंझुनूं में पाये जाते हैं।

Q.12 तारा नुमा बालुका स्तूप निम्न में से मुख्यतः राजस्थान के किस जिले में पाए जाते हैं (Asst. agri. Officer tsp 2015)

  1. जैसलमेर-गंगानगर 
  2. चूरू-सीकर 
  3. जालौर-पाली 
  4. जयपुर-दौसा

Ans. – 1. जैसलमेर-गंगानगर 
Exp. – तारानुमा बालुका स्तूप मोहनगढ़, पोकरण (जैसलमेर), सूरतगढ़ (गंगानगर) में पाये जाते है। यह हम्मादा (पथरीला मरुस्थल) के चारों ओर पाए जाने वाले बालुका स्तूप होते हैं।

Q.13 शब्र क़ाफीज किस प्रकार के बालुका स्तूप है?

  1. पवन की दिशा में बने 
  2. पवन की दिशा की समकोण पर बने 
  3. झाड़ियों के सहारे बने 
  4. भभूल्या के कारण बने

Ans. – 3. झाड़ियों के सहारे बने 
Exp. – शब्र क़ाफीज  बालुका स्तूप छोटी छोटी झाड़ीयो और घास के झुण्ड के आसपास बालू रेत के जमाव से उत्पन्न होते हैं।

Q.14 सभी प्रकार के बालुका स्तूप पाए जाते हैं

  1. जैसलमेर में 
  2. जोधपुर में 
  3. चूरू में 
  4. बीकानेर में 

Ans. – 2. जोधपुर में 
Exp. –  सर्वाधिक बालुका स्तूप  जैसलमेर में बनते हैं।  सभी प्रकार के  बालुका स्तूप जोधपुर में बनते हैं। बालुका स्तूप मार्च से जुलाई में सर्वाधिक बनते हैं।

Q.15 राजस्थान की मरुस्थलीय बालू का प्रमुख स्रोत निम्न में से क्या है? (कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक 2019)

  1. प्राचीन नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी 
  2. सतपुड़ा पर्वत के कण 
  3. चंबल नदी द्वारा लाई गई मिट्टी 
  4. बनास नदी द्वारा लाई गई मिट्टी

Ans. – 1. प्राचीन नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी 
Exp. – राजस्थान का मरुस्थल टेथिस सागर का अवशेष है। प्राचीन नदियां टेथिस सागर में अपना जल लाकर गिराती थी। उत्तरी पश्चिमी मरुस्थल को ईश्वरी प्रसाद ने इसे रुक्ष क्षेत्र कहा है तथा हवेनसांग ने इसे  गुर्जरात्रा कहा है।  

Q.16 राजस्थान के पश्चिमी मरू प्रदेश का अंग नहीं है (Research Assistant 2017)

  1. नागौर उच्च भूमि 
  2. घग्गर मैदान 
  3. विंध्यन कगार भूमि 
  4. गोडवाड़ भूमि

Ans. – 3. विंध्यन कगार भूमि
Exp. – पश्चिमी मरू प्रदेश को चार भागों में बांटा गया है1. बांगर प्रदेश /शेखावटी प्रदेश 2.घग्गर का मैदान 3.उच्च नागौरी प्रदेश 4.गोडवाड़ प्रदेश/लूनी बेसिन

Q.17 राजस्थान में खारे पानी की झीले सांभर, डीडवाना, पंचभद्रा किसका अवशेष मानी जाती हैं?

  1. टेथिस सागर 
  2. गोडवाना लैण्ड 
  3. अंगरा लैण्ड 
  4. पेन्जिया 

Ans. – 1. टेथिस सागर 
Exp. – प्लीस्टोसीन युग (अपर टर्शरी काल) में राजस्थान के पश्चिम मरुस्थलीय भाग पर टेथिस सागर विस्तृत था जो भूगर्भिक हलचलो के परिणामस्वरुप धीरे-धीरे खिसकता गया। टेथिस सागर के पीछे खिसकने के परिणामस्वरूप उत्पन्न सिकुड़न क्रिया से गहराई में पाई जाने वाली माईकाशिष्ट नमकीन चट्टाने के केशाकर्षण पद्धति (capilarity) से नमक सतह पर आ गया जिस से खारे पानी की झीलों का उद्भव हुआ।

Q.18 राजस्थान में टेथिस सागर के प्रमाण में से कोनसा नहीं है।

  1. राजस्थान में खारे पानी की झीले
  2. अवसादी चट्टानों की प्रधानता जैसे कोयला खनिज तेल
  3. कुलधरा गांव जैसलमेर में मछली के अवशेष
  4. गैर – परंपरागत संसाधनों की प्रधानता 

Ans. – 4. गैर – परंपरागत संसाधनों की प्रधानता
Exp. – राजस्थान में टेथिस सागर से परंपरागत संसाधन की प्रधानता का प्रमाण मिलता है न की गैर-परंपरागत संसाधनों की प्रधानता का प्रमाण 

Q.19 राजस्थान के थार के मरुस्थल के बारे में निम्न में से कौन सा असत्य है?

a. थार का मरुस्थल भारतीय उपमहाद्वीप में ऋतु चक्र को नियंत्रित करता है
b. थार का मरुस्थल विश्व का एकमात्र ऐसा मरुस्थल है जिसके निर्माण में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून हवाओं का मुख्य योगदान है।
c. मरुस्थल में पाई जाने वाली घास सीवन और तुरड़िगम  प्रमुख है।
d. थार के मरुस्थल को युवा मरुस्थल भी कहते हैं।
e. थार के मरुस्थल में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है। 

  1. केवल b 
  2. b और c दोनों 
  3. a, b और e 
  4. इनमें से कोई नहीं

Ans. – 4. इनमें से कोई नहीं
Exp. – थार का मरुस्थल भारतीय उपमहाद्वीप में ऋतु चक्र को नियंत्रित करता है क्योंकि ग्रीष्म काल में तेज गर्मी के कारण इस प्रदेश में न्यून वायुदाब केंद्र विकसित हो जाता है जो दक्षिणी पश्चिमी मानसून हवाओं को आकर्षित करता है। दक्षिणी पश्चिमी मानसून हवाओ से अरावली के कारण थार के मरुस्थल में वर्षा नहीं होती है अत: थार के मरुस्थल के निर्माण में दक्षिणी पश्चिमी मानसून हवाओ का मुख्य योगदान है। राजस्थान का थार का मरुस्थल विश्व का सर्वाधिक युवा आबादी वाला मरुस्थल होने के कारण इसे युवा मरुस्थल कहते हैं। थार के मरुस्थल में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है। यह वनस्पति और पशु संपदा की दृष्टि से विश्व के मरुस्थल में सर्व उत्कृष्ट है।

Q.20 कौन सी सम वर्षा रेखा राजस्थान को दो भागों में विभाजित करती है (कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक 2019)

  1. 44 सेमी
  2. 46 सेमी
  3. 48 सेमी
  4. 50 सेमी

Ans. 50 सेमी
Exp. – 50 सेमी सम वर्षा रेखा राजस्थान की अरावली पर्वतीय प्रदेश से गुजरती है जो राजस्थान को दो समान भागों में विभाजित करती है।

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