बहुत सारे यूजीसी नेट एस्पायरेंट्स ऐसे होते हैं जिनके मन होता है कि वह पीएचडी करें और पीएचडी करना वे बचपन में ही अपना ड्रीम बना लेते हैं, क्योंकि पीएचडी करने से अपने नाम के पहले डॉक्टर लग जाता है। लेकिन इस डॉक्टर लगाने वाले रास्ते में बहुत सारी रुकावटें आती हैं जैसे की बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि अगर नेट/जेआरएफ नहीं होगा तो पीएचडी नहीं हो सकती है या फिर बिना नेट/जेआरएफ अगर हम पीएचडी करेंगे तो उसकी कोई वैल्यू नहीं होगी। इस लेख के माध्यम से आपको बताएँगे की क्या पीएचडी के लिए नेट जरूरत नहीं है ?, बिना नेट के पीएचडी कैसे करे?
कई स्टूडेंट का सपना होता है उनको डायरेक्ट पीएचडी में एडमिशन मिल जाए यानि की वे नेट/जेआरएफ की तैयारी नहीं करना चाहते है। वे अपना 2-3 साल का टाइम नेट/जेआरएफ की तैयारी में गवाना नहीं चाहते है तो आप की जानकरी के लिए बता दे की बिना नेट/जेआरएफ के भी आप पीएचडी कर सकते हो। कई यूनिवर्सिटीज (जैसे BHU) ऐसे होती है जो अपना खुद का एंट्रेस एग्जाम यानि की रिसर्च एंट्रेस एग्जाम (RET) लेती है, जिसको क्वालीफाई करने के बाद एक इंटरव्यू होता है, जिसमें सफल होने के बाद आपको डायरेक्ट पीएचडी में एडमिशन मिल जाता है। इसके लिए आपको नेट/जेआरएफ की जरुरत नहीं पड़ती है।
इसी प्रकार कुछ राज्यों की यूनिवर्सिटी भी पीएचडी के लिए अपना खुद का एंट्रेस एग्जाम यानि की स्टेट एंट्रेस एग्जाम (SIT) लेती है, जिसको क्वालीफाई करने के बाद एक इंटरव्यू होता है, जिसमें सफल होने पर आपको उस यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है, इसके लिए भी आपको नेट/जेआरएफ की जरुरत नहीं पड़ती है।
बिना नेट/जेआरएफ के स्कॉलरशिप कैसे ले
बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि अगर नेट/जेआरएफ नहीं होगा तो पीएचडी नहीं हो सकती है या फिर बिना नेट/जेआरएफ अगर हम पीएचडी करेंगे तो उसकी कोई वैल्यू नहीं होगी। यह क्वेश्चन आपके मन में रहते हैं लेकिन हम सारे एस्पेक्ट्स को अगर हटा दे तो एक बहुत इंर्पोटेंट एस्पेक्ट्स ‘फाइनेंसियल कंडीशन’ होता है। हम सोचते है की हम इतने फाइनेंशलीस्ट्रांग है या नहीं की किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एक-डेढ़ लाख रुपये फीस दे पाएंगे या नहीं और फिर हमारी पीएचडी नहीं होगी। ऐसे कितने स्टूडेंट होते हैं जो अपने इस ड्रीम को दफन कर देते हैं, सिर्फ इस कारण की वजह से की वह फाइनेंशली स्ट्रांग नहीं है।
इस प्रकार वे अपने ड्रीम को वही खत्म कर देते हैं और पीएचडी करने की नहीं सोचते और अगर सोचते हैं तो वह जेआरएफ का इंतजार करते हैं जो कि अगर एक बार में नहीं हुआ, दो बार में नहीं हुआ तो कई अटेम्प्ट में भी नहीं हो पाता है। इस प्रकार उनकी जेआरएफ देने की ऐज निकल जाती है और वे एक टाइम पर आकर निराश हो जाते हैं।
आपकी जनकारी के लिए बता दे की बिना नेट जेआरएफ के भी आपके पास बहुत सारे ऑप्शंस होते हैं जिनके माध्यम से आप स्कॉलरशिप ले सकते हैं और यह स्कॉलरशिप यदि आप लेते हो तो आपकी पीएचडी करने वाला रास्ता काफी आसान हो जाएगा।
यूजीसी नेट और जेआरएफ के अलावा भी स्कॉलरशिप होती है यानी कि अगर आपका नेट/जेआरएफ नहीं हो रहा है और आप पीएचडी करना चाहते है तो काफी सारी यूनिवर्सिटीज ऐसी होती हैं जो रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (RET) लेती हैं। रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट जो की यूनिवर्सिटीज कराती हैं और यह बेसिकली पीएचडी में एंट्रेंस के लिए होता है यानि की यह एक तरीके का पीएचडी एंट्रेंस है। इस एग्जाम को क्वालीफाई करना होता है, फिर आप शॉर्टलिस्टेड होंगे फिर आपका इंटरव्यू होगा, तब आपको फाइनल एडमिशन मिलेगा।
इसका फायदा यह है कि अगर आप किसी भी यूनिवर्सिटी का पीएचडी एंट्रेंस क्वालीफाई कर लेते हैं तो बहुत सारी गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज ऐसी है जैसे की BHU आपको पीएचडी एंट्रेंस क्वालीफाई करने के बेसिस पर अगर आप उन्हीं की यूनिवर्सिटी कैंपस में रहकर पीएचडी करते हो तो वह आपको लगभग 10000-12000 रुपए आपको स्कॉलरशिप प्रोवाइड करती हैं।
यह ध्यान रखिएगा कि अगर आपने एक अच्छी गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट एग्जाम क्वालीफाई कर लिया है तो आपको स्कॉलरशिप मिल जाती है। इसके अलावा अगर आपको नेट या जेआरएफ की स्कॉलरशिप नहीं मिल पाती है तो बहुत सारी ऐसी और गवर्नमेंट स्कॉलरशिप होती है जैसे कि राजीव गांधी नेशनल स्कॉलरशिप, मौलाना मोहम्मद नेशनल स्कॉलरशिप आदि से स्कॉलरशिप ले सकते है। राजीव गांधी नेशनल स्कॉलरशिप केवल एससी कैंडिडेट को मिलती है और मौलाना मोहम्मद नेशनल स्कॉलरशिप माइनॉरिटी स्टूडेंट्स को मिलती है।
इसके अलावा कई यूजीसी अपनी खुद की भी स्कॉलरशिप टेस्ट ऑर्गेनाइज करती है जो कि वह अपने उन एस्पायरेंट्स के लिए करती है जिनको पीएचडी करना चाहते है। इसलिए यदि आपके पास नेट/ जेआरएफ नहीं है तो भी आप स्क्लोरशिप का लाभ ले सकते हो क्योंकि आपको एक फाइनेंशियल अस्सिटेंस चाहिए तब आपके लिए पीएचडी करना सही होगा।