आप लोगो ने कई बार देखा होगा की कुछ लोग अपने नाम के पहले डॉक्टर लगाते है, क्या उन्होंने सच में मेडिकल की पढाई करके MBBS किया है। लेकिन ऐसा नहीं है आप पीएचडी करके भी डॉक्टर की उपाधि ले सकते हो। पीएचडी की डिग्री हाईहेस्ट डिग्री मानी जाती है इससे ऊपर भारत में कोई पढ़ाई नहीं होती है। अब आप लोग सोच रहे होंगे की जो लोग पीएचडी कर लेते है उनको कितनी सैलरी मिलती होगी, उनको तो अच्छी सैलरी मिलती होगी। तो इस लेख के माध्यम से हम आपको विस्तार से पीएचडी की विभिन्न पोस्टो के लिए यही बताएँगे की पीएचडी करने के बाद सैलरी कितनी मिलती है।
phd आप विभिन्न फिल्ड में कर सकते है जैसे कंप्यूटर साइंस फील्ड में phd, मैथ्स में phD, फिजिक्स में phd, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में PHD, इकोनॉमिक्स में Phd , जियोग्राफी में Phd, हिंदी में phd आदि अलग अलग विषय के अनुसार पीएचडी करने के बाद सैलरी भी इनकी अलग अलग होती है। सबसे पहले हम जान लेते है की पीएचडी करने के बाद आप कौन- कौन से मुख्य क्षेत्रों में जा सकते है।
पीएचडी करने के बाद क्या करे
IISC (भारतीय विज्ञान संस्थान) से पीएचडी करने के बाद सबके मन में यह आता है की कहां पर हमको जॉब मिलेगा। इसके लिए हमारे पास चार ऑप्शन होते हैं। पहला आप कोई पोस्ट डॉक् ज्वाइन कर सकते है। दूसरा आप कोई इंडस्ट्रीज ज्वाइन कर सकते है यानि की किसी इंडस्ट्री का रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्मेंट (R &D डिपार्टमेंट) ज्वाइन कर सकते है। थर्ड ऑप्शन जो है आप खुद का अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते है और चौथा आप किसी एकेडमिक्स में जा सकते हो जैसे आप किसी इंस्टिट्यूट में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन कर सकते है।
पोस्ट डॉक् (Post-doctoral) क्षेत्र ज्वाइन करना
सबसे पहले हमारा पहला ऑप्शन पोस्ट डॉक् है यह पीएचडी के बाद का मोस्ट ओबवियस ऑप्शन होता है और IISC में 90% स्टूडेंट पोस्ट डॉक् के लिए जाते हैं। सबसे पहले हम समझते हैं कि यह होता क्या है तो आपके पीएचडी का जो रिसर्च टॉपिक है उसे रिलेटेड अगर कोई प्रोफेसर के पास फंडिंग है और फंडिंग मतलब की कोई प्रोजेक्ट है और उस प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने के लिए फंडिंग है तो उस प्रोजेक्ट कंप्लीट करने के लिए वह एक पोस्ट डॉक् स्टूडेंट असाइन करता है और उसके लिए वह एडवर्टाइजमेंट निकलते हैं। इसके बाद आपको ढूंढ कर उस प्रोफेसर को पोस्ट डॉक् के लिए अप्लाई करना पड़ता है।
रिसर्च और डेवलोपमेन्ट इंडस्ट्री ज्वाइन करना
दूसरा ऑप्शन हमारा इंडस्ट्री में R&D का है। हर एक इंडस्ट्री जैसे कि सैमसंग, टेस्ला या अन्य कोई इंडस्ट्री का अपना रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्मेंट होता है और उसमें वह सीनियर साइंटिस्ट या जूनियर साइंटिस्टका अपॉइंटमेंट करते हैं जिनकी रिस्पांसिबिलिटी अलग-अलग प्रोजेक्ट के ग्रोथ के बारे में देखना या फिर कुछ अलग रिसर्च हो रहा है तो उस फिल्ड में भी काम करना है। IISC कि बात करे तो वे पोस्ट डॉक् ही चुनते है। वे R&D नहीं चुनते है यूजुअली आर&डी को आप ब्रॉड में देखोगे तो वह इंडियन फ्रेशर को मिलता भी नहीं है तो अगर आपके पास एक पोस्ट डॉक् का एक्सपीरियंस हो जाएगा तो फिर R&D मिलना आसान हो जाता है।
खुद का स्टार्टअप खोलना
अगर हम बात करें थर्ड ऑप्शन की जो है स्टार्टअप, जो की सबसे बेस्ट ऑप्शन है पर उसके लिए आपको स्ट्रगल बहुत करना पड़ेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे की IISC में एक SID डिपार्टमेंट (सोसाइटी इन्नोवेशन एंड डेवलपमेंट डिपार्मेंट) है। यदि आपके पास कुछ अच्छा रिसर्च है और आप उसको कमर्शियल करना चाहते हो या फिर उसको सेल करना चाहते हो तो इसके लिए SID डिपार्टमेंट आपको फंडिंग देगा।
यदि आप अपना स्टार्टअप खुद से करना चाहते हो उदहारण के लिए जैसे किसी लैब में रिचार्जबल बैटरी के फील्ड में काम हो रहा है जैसा की इंडिया में अभी रिचार्जेबल बैटरी के मैन्युफैक्चर बहुत कम है तो अगर हम कुछ ऐसा फार्मूला देते हैं जिससे कि हमारा बैटरी का कॉस्ट भी कम हो जाए और उसका कैपेसिटी भी बढ़ जाए तो SID डिपार्टमेंट खुद का स्टार्टअप करने के लिए हमको फंडिंग देता है।
यह बहुत बेस्ट ऑप्शन है पर इसमें स्ट्रिगल है। शुरुवाती दिनों में आपको चीजों को ऑप्टिमाइज और मार्केट चेक करना पड़ेगा इसकी वजह से स्टूडेंट रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। अगर यह स्टार्टअप चल गया तो बहुत अच्छी बात है अगर नहीं चला तो फिर बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होती है। इसलिए हम कह सकते है की इस ऑप्शन में थोड़ा रिस्क है, पर सफल होने के लिए रिस्क लेना पड़ता है।
एकेडमिक्स ज्वाइन करना
चौथा ऑप्शन एकेडमी का है। बहुत सारे एनआईटी, स्टेट यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट लेक्चर और असिस्टेंट प्रोफेसर का पोस्ट निकलता है तो उसके लिए आप पीएचडी के बाद डायरेक्ट अप्लाई कर सकते है। इसमें वे लोग एक इंटरव्यू लेंगे और वह इंटरव्यू के बेसिस पर आपका वहां पर अपॉइंटमेंट हो जाएगा। लेकिन यदि आप आईएससी, आईजर या आईआईटी में ट्राई करते हो तो उसके लिए आपको पोस्ट डॉक् एक्सपीरियंस होना जरूरी है विदाउट पोस्ट डॉक् आईएससी, आईजर या आईआईटी कंसीडर नहीं करेंगे। बहुत सारे सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे BHU, हैदराबाद यूनिवर्सिटी इनके लिए आपको लेक्चर के लिए अप्लाई करने के लिए पोस्ट डॉक् एक्सपीरियंस होना चाहिए।
भारत में पीएचडी करने के बाद सैलरी प्रारूप
भारत में पीएचडी करने के लिए स्टूडेंट्स को UGC-NET, TIFR, JRF-GATE या स्टेट लेवल के एंट्रेंस एग्जाम को पास करना होता है इसके बाद 3 से 5 साल में पीएचडी कम्प्लीट होने के बाद स्टूडेंट्स विभिन्न क्षेत्रों में जॉब के लिए पात्र होते है। भारत में पीएचडी करने के बाद सैलरी एवरेज रूप से लगभग 60,000 रुपये/महीने होती है। यानि की प्रति महीने ₹40,000 से लेकर ₹1,20,000 तक सैलेरी पीएचडी करने के बाद मिलती है। हालाँकि अलग अलग पोस्ट के लिए जॉब प्रोफाइल के अनुसार सैलरी भी अलग अलग होती है। भारत में पीएचडी डिग्री धारियों के लिए लगभग 20-30 पोस्ट होती है, जिनकी सैलरी निम्न प्रकार टेबल रूप में दी गई है।
पोस्ट नाम | प्रति महीने सैलरी (रुपये) |
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Computer Scientist | ₹74,000 – ₹1,00,000 |
Research Scientist | ₹65,000 – ₹85,000 |
Professor | ₹65,000 – ₹85,000 |
Associate Professor | ₹60,000 – ₹80,000 |
Research Assistant | ₹40,000 – ₹60,000 |
Assistant Law Professor | ₹39,500 – ₹57,500 |
Assistant Professor | ₹37,500 – ₹57,700 |
Senior Writer | ₹36,000 – ₹52,000 |
Scientific Writer | ₹45,000 – ₹60,000 |
Chief Research Officer | ₹50,000 – ₹62,000 |
Senior Advisor | ₹70,000 – ₹80,000 |
Advisor | ₹65,000 – ₹75,000 |
Research Chemist | ₹30,000 – ₹40,000 |
Junior Scientist | ₹22,000 – ₹36,000 |
Forensic Chemist | ₹25,000 – ₹35,000 |
Medical Technologist | ₹30,000 – ₹40,000 |
Corporate Lawyer | ₹35,000 – ₹45,000 |
Economist | ₹50,000 – ₹75,000 |
Historian | ₹45,000 – ₹60,000 |
Consultant | ₹60,000 – ₹75,000 |
विदेश में पीएचडी करने के बाद सैलरी
विदेश में पीएचडी करने के बाद सैलरी भारत से काफी ज्यादा मिलती है। बात करते हैं पोस्ट डॉक सैलरी की तो पोस्ट डॉक् में अगर हम सैलरी की बात करें तो हाईएस्ट पैड कंट्री स्विट्जरलैंड है और यहां पर एवरेज सैलरी 95,028 US डॉलर है जो कि अगर आप इंडियन रुपीस में कन्वर्ट करेंगे तो 70 लाख आएगा। दूसरे नंबर पर हमारा यूनाइटेड स्टेट अमेरिका है और यहां सैलरी इंडियन रुपये में 60 लाख है। थर्ड नंबर पर डेनमार्क आता है, यह एक यूरोपियन कंट्री है। यह भी सैलरी के मामले में बहुत ही आगे है। इसकी सैलरी पोस्ट डॉक् स्टूडेंट के लिए 54 लाख/वार्षिक है। 4th नंबर पर इजराइल है जिसकी एवरेज सैलेरी 52 लाख रुपये है। पांच वे नंबर पर सऊदी अरब कंट्री है। यह भी बहुत ज्यादा सैलरी देता है। यह अपने पोस्ट डॉक् स्टूडेंट को 50 लाख/ वार्षिक सैलेरी देता है।
सऊदी अरब का सबसे बेस्ट बात यह है कि यहां पर टैक्स नहीं लगेगा और आपको रहने के लिए हाउस फ्री मिलेगा। यहां पर सेविंग कंपेयर टू स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड स्टेट, डेनमार्क और इजरायल से ज्यादा होगा क्योंकि स्विट्जरलैंड में पैसे भले ही ज्यादा आपको मिलते हैं पर वहां पर आपको खर्चे बहुत ज्यादा है जैसे की आपका लिविंग एक्सपेंस व ट्रैवलिंग चार्ज हो गया। यदि आप डेली एक्सपेंस पर सेविंग करना है तो सऊदी अरब बेस्ट है। इसके अलावा भी बहुत सारे देश है जैसे की कुछ यूरोपियन कंट्रीज है, ऑस्ट्रेलिया और जापान आप देख सकते हो इस लिस्ट में बेल्जियम पोस्टडॉक स्कॉलर के लिए एवरेज सैलेरी 43 लाख है, जर्मनी का 42.5 लाख, नॉर्वे का 42 लाख, ऑस्ट्रेलिया का 37 लाख और जापान का 36.5 लाख है तो यह टॉप पेइंग कंट्री है जो इतनी सैलरी पे करते हैं।
पोस्ट डॉक् के बाद यदि हम बात करें इंडस्ट्री में रिसर्च एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की तो इसमें US या यूरोपियन कंट्री स्विट्जरलैंड, जर्मनी, यूके का एवरेज सैलेरी 100K – 120K US डॉलर होता है जो की इंडियन रुपीस में लगभग 74 से 88 लाख/वार्षिक होता है। इस सैलरी में से आपको आपको टैक्स व लिविंग एक्सपेंस भी देना होगा। अगर आपको सेविंग ज्यादा करना है तो सऊदी अरब बेस्ट है वहां पर टैक्स व लिविंग एक्सपेंस नहीं लगेगा और साथ में आपको फ्री हाउसिंग मिलेगा।
सीरीज नंबर | देश | एवरेज सैलरी (USD) | एवरेज सैलरी (INR) (वार्षिक) | अनुमानित सेविंग (INR) | टैक्स रेट | विशेष टिप्स |
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1 | स्विट्जरलैंड | 95,028 | 70 लाख | कम | उच्च (स्विट्जरलैंड में) | जीवन यहाँ महंगा हो सकता है। |
2 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 60,000 | 60 लाख | मध्यम | मध्यम (यूएस में) | व्यय और टैक्स में ज्यादा हो सकता है। |
3 | डेनमार्क | 54,000 | 54 लाख | मध्यम | मध्यम (डेनमार्क में) | यूरोप में जीवन शैली में सुधार। |
4 | इजराइल | 52,000 | 52 लाख | मध्यम | मध्यम (इजराइल में) | उच्च जीवन लाभ और रिसर्च वातावरण। |
5 | सऊदी अरब | 50,000 | 50 लाख | उच्च | कम (सऊदी अरब में) | टैक्स नहीं है, फ्री हाउसिंग मिल सकता है। |
पीएचडी करने के बाद प्राइवेट कॉलेजों में सैलरी
अगर आप पीएचडी कंप्लीट करते हैं और उसके बाद किसी प्राइवेट कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पोस्ट पर जॉब करते हैं तो आपको मंथली सैलरी के साथ साथ एडिशनल सोर्सेस से भी इनकम होती है। अगर सेंट्रल गवर्नमेंट की यूनिवर्सिटी की बात करें तो वहां पर असिस्टेंट प्रोफेसर की पोस्ट के लिए आपको ₹75000/महीने सैलरी दिया जाता है जबकि स्टेट गोवेर्मेंट की यनिवर्सिटी के लिए सैलरी ₹60000/ महीने दिया जाता है।
अब बात करते है प्राइवेट कॉलेज की तो प्राइवेट कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के जॉब के लिए यूजीसी के अकॉर्डिंग सैलरी तय की जाती है। लेकिन इंडिया में 5 -10% कॉलेज ही UGC की बात मानते है बाकि रियल में 90% कॉलेज सिर्फ पेपर या डॉक्यूमेंट में ही यूजीसी की बात मानते हैं। वे लोग पेपर वर्क में दिखा देते है की हम सैलेरी फूल देते है लेकिन रियलिटी कुछ और होती है यानि की सैलरी जो रियल में होता है वह हाथ में कम मिलता है, क्योंकि उनको ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाना होता है। अब बात करेंगे की अगर आप पीएचडी कर लेते हैं और प्राइवेट कॉलेज में जॉब करते हैं तो सैलरी कितनी मिल जाती है तो 90% जो कॉलेज है उसी के ऊपर बात करेंगे, जो ज्यादा देते हैं उनके ऊपर हम बात नहीं कर रहे हैं।
केस-1 यदि आप केवल पीएचडी हैं
यदि आप केवल पीएचडी है तो आपको कॉलेज में ₹25000/महीने सैलरी मिल जाएगी, इसमें आपको किसी भी एक्सपीरियंस की जरूरत नहीं है। अगर एक्सपीरियंस 3 साल 4 साल बढ़ता है तो सैलेरी ₹30000-35000/महीने हो जाएगी। यदि आप फ्रेशर है तो आपको 25000/महीने सैलेरी प्लस एडिशनल सोर्स की इनकम मिलेगी। आपको बता दे की यदि आप अप्रूवल करा ले तो एडिशनल सोर्सेज का काफी फायदा होता है। यदि आप अपने कॉलेज से संबंधित यूनिवर्सिटी में अपने सब्जेक्ट से अप्रूवल करा लेंगे तो आपको एग्जाम की कॉपी चेकिंग करने के लिए मिलेगा साथ ही आपको Viva करने के लिए मिलेगा और बच्चों के दूसरे कॉलेज में आपको एग्जाम सुपरिंटेंडेंट बनाकर भेजा जाएगा, जिससे आपको सेमेस्टर वाइज यानी की 6 महीने में आपको 1 से 1.5 लाख के बीच अतिरिक्त इनकम हो जाएगी। इस प्रकार 1 साल के अंदर आपको करीब ढाई से तीन लाख रुपये की एडिशनल इनकम हो जाती है।
केस-2 यदि आप पीएचडी +नेट दोनों है
यदि आप पीएचडी प्लस नेट दोनों है तो आपको 30,000/महीने की सैलेरी प्लस एडिशनल सोर्स की इनकम मिलेगी। एडिशनल सोर्स में यदि आप अप्रूवल करा लेते है तो आपको यहां पर एक सेमेस्टर में करीब 1.5 लाख का बेनिफिट मिलेगा यानि एक साल में आप 2.5 लाख से 3 लाख के बीच एडिशनल इनकम कर सकते हो।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की योग्यता तो आपके पास उतनी हो जाती है जितना की गवर्नमेंट वाले प्रोफेसर होते हैं लेकिन आपको प्राइवेट कॉलेज में इतना फायदा नहीं मिलता है जितना की गॉवर्मेँट वालो को मिलता है। प्राइवेट कॉलेज में हायर एजुकेशन में शोषण बहुत होता है, लेकिन अगर आप खाली बैठकर सिर्फ साइड में वेट करेंगे कि जब तक की गवर्नमेंट ना मिले तब तक हम कहीं और जॉब नहीं करेंगे तो इससे आपका नॉलेज और भी कम होगा। लेकिन यदि आप जॉब करते रहेंगे तो चार लोग मिलेंगे, फ्रेंड बनेंगे तो आपका मोटिवेशन अच्छा रहेगा और आप आगे कुछ करने के लिए प्रेरित रहेंगे। अगर आप इतनी डिग्रियां ले लिए हो तो जॉब करना बिल्कुल जरूरी है।
FAQ (Frequently Asked Questions)
पीएचडी प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
भारत में पीएचडी प्रोफ़ेसर की सैलरी ₹65,000- ₹85,000 होती है।
पीएचडी में स्कॉलरशिप कितना मिलता है?
पीएचडी में स्कॉलरशिप 30 से 40 हजार प्रति महीने मिलता है।
एक लेक्चरर की सैलरी कितनी होती है?
भारत में एक लेक्चरर की सैलरी ₹37,500 – ₹100000 के बीच होती है।
अमेरिका में प्रोफेसर की सैलरी कितनी होती है?
अमेरिका में प्रोफेसर की सैलरी लगभग 5 लाख/महीने होती है।
आईआईटी प्रोफेसर की शुरुआती सैलरी कितनी है?
आईआईटी प्रोफेसर की शुरुवाती सैलेरी 1.5 लाख होती है जो की बाद में 2.5 लाख भी हो जाती है।
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